मौसम विभाग ने अगले तीन दिन देश के 22 से ज्यादा राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर पश्चिम भारत से लेकर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के राज्य शामिल हैं। इस दौरान बुधवार को मध्य महाराष्ट्र, पूर्वी गुजरात, कोंकण, गोवा, तेलंगाना, रॉयलसीमा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश और आंधी-तूफान को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। कुल्लू में बादल फटने से संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। गंगा, यमुना, घग्गर, हिंडन समेत सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं और कई इलाके बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

उत्तराखंड में मौसम लगभग साफ रहा, लेकिन नंदप्रयाग में मलबा गिरने से बदरीनाथ मार्ग पर यातायात बाधित हुआ। भूस्खलन के चलते यमुनोत्री मार्ग मंगलवार को भी बंद रहा। हालांकि, केदारनाथ यात्रा जारी है। राज्य में अभी 50 सड़कें बंद हैं, करीब 40 गांवों को बिजली आपूर्ति बाधित है। 400 छोटी-बड़ी नहरें बह गई हैं। हरिद्वार में गंगा अभी भी खतरे के निशाना (293 मीटर) से कुछ ऊपर 293.45 मीटर पर बह रही है।

हिमाचल के कुल्लू की गड़सा घाटी में मंगलवार तड़के चार बजे बादल फटने से पंचानाला और हुरला नाले में भयंकर बाढ़ आ गई। इसमें पांच मकान बह गए और 15 को नुकसान पहुंचा। छोटे-बड़े चार पुल भी बह गए और कुछ मवेशी लापता हैं। भुंतर-गड़सा मनियार रोड को नुकसान पहुंचा है। 500 से अधिक सड़कें बंद हैं।