एक अप्रैल से मिलने लगेगी मरीजों को उपचार की सुविधा 


भोपाल । मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का संचालन करने वाला राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) इसके पैकेज तैयार कर रहा है। इसमें लिवर और पेट संबंधी बीमारियों के अतिरिक्त सर्जरी, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों के पैकेज शामिल किए जाएंगे। अभी इन बीमारियों के उपचार की सुविधा नहीं होने की वजह से पात्र रोगियों को खुद खर्च उठाना पड़ रहा है।अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए पैकेज में जो बीमारियां नहीं हैं उन्हें शामिल किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस योजना में प्रति परिवार पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क कैशलेस उपचार निजी और सरकारी अस्पतालों में दिया जाता है। नए पैकेज (एचबीपी 2.2 ) में जिन बीमारियों के इलाज शामिल होंगे उनमें निजी अस्पतालों में खर्च, काक्लियर इंप्लांट (काक्लिया में खराबी के चलते श्रवण बाधित होने पर)-- दो लाख रुपये, बोनमैरो ट्रांसप्लांट (ब्लड कैंसर व रक्त संबंधी अन्य बीमारियां के लिए)-- आठ से 10 लाख रुपये, प्लाज्माफेरेसिस (रक्त संबंधी बीमारी, जिसमें डायलिसिस की तरह रक्त को साफ किया जाता है), सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये। सीटी गाइडेड परक्यूटेनुअस माइक्रोवेव अब्लेशन (विभिन्न तरह के कैंसर के उपचार के लिए, एक लाख से डेढ़ लाख रुपये, पेट एमआरआइ स्कैन (कैंसर व अन्य बीमारियों की जांच के लिए)-- 25 से 30 हजार रुपये, थैलासीमिया का चिकित्सकीय प्रबंधन (रक्त संबंधी बीमारी थैलासीमिया का उपचार और इससे होने वाली  तकलीफों का चिकित्सकीय प्रबंधन)--पांच से 20 हजार रुपये तक रेडियोलाजिकल प्रक्रियाओं को भी शामिल किया जाएगा। पहली बार आयुष्मान भारत योजना में इंटरवेंशनल रेडियोलाजी के माध्यम से विभिन्न बीमारियों के उपचार को भी शामिल किया जा रहा है। यह सुविधाएं अभी एम्स या कुछ मेडिकल कालेजों में ही उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कुछ मरीजों को विभिन्न बीमारियों में इम्यूनोग्लोबलिन (प्रोटीन) और अन्य महंगी दवाओं की आवश्यकता होती है। इनका भी आयुष्मान से उपचार हो सकेगा। बता दें कि अभी लगभग 1500 बीमारियों का पैकेज योजना में शामिल है। आयुष्मान भारत योजना के अधिकारियों ने बताया कि नए पैकेजों में सभी प्रकार के ट्रांसप्लांट के अतिरिक्त ऐसी बीमारियों को शामिल किया जा रहा है, जिनमें जांच का खर्च बहुत अधिक है। नया पैकेज तैयार होने के बाद लगभग सभी बीमारियां योजना की परिधि में आ जाएंगी। सरकार लोकसभा चुनाव के पहले नई बीमारियां शामिल करने जा रही है, जिससे चुनाव में लाभ मिल सके।