अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनका यह कश्मीर का दूसरा दौरा होगा।इससे पहले शाह पिछले साल पुलवामा और श्रीनगर पहुंचे थे। गृहमंत्री घाटी में आतंक रोधी अभियान और सुरक्षा के ताजा हालात की समीक्षा करेंगे लेकिन चुनाव की सुगबुगाहट के बीच उनका यह दौरा राजनीतिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।भाजपा कश्मीर में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है। पिछले दिनों राज्यसभा में गुलाम अली का मनोनयन इसी कड़ी में अहम कदम था। गुलाम अली गुर्जर मुस्लिम समुदाय से आते हैं। इस समुदाय को पहले ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। ऐसे ही अन्य उपेक्षित समूहों पर भाजपा की नजर है। जो परिसीमन के बाद काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। सूत्रों ने कहा कि कश्मीर में कई राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बना ली है। भाजपा से उनकी राजनीतिक समझ बनने का अनुमान भी जानकार लगा रहे हैं।गृहमंत्री 30 सितंबर को जम्मू पहुंचेंगे। वे एक अक्तूबर को राजौरी जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह चुनावी तैयारियों का जायजा भी लेंगे। गृहमंत्री इस दौरान उत्तरी कश्मी के बारामूला में और राजौरी में रैली करेंगे। बताया जा रहा है कि इन रैलियों में कई बड़े ऐलान भी हो सकते हैं। गृहमंत्री की 2 अक्तूबर को बारामूला में होने वाली रैली में न केवल उत्तरी कश्मीर के लोग बल्कि कश्मीर के विभिन्न जिलों से लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।