ऋषिकेश: उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर को चीला शक्ति नहर से बरामद होने के बाद, पोस्टमार्टम के लिए उसे ऋषिकेश एम्स भेजा गया था. पीएम रिपोर्ट ड्राफ्ट के मुताबिक अंकिता की मौत ब्लंट फोर्स ट्राॅमा (सिर में गंभीर चोट) और डूबने की वजह से हुई. वह एक पूर्व सुरक्षा गार्ड और एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की बेटी थी. उसने 12वीं पास कर ली थी और कॉलेज जाने की इच्छुक थी. लेकिन जब उसके पिता ने गार्ड की नौकरी छोड़ दी, तो उसने पिछले महीने के अंत में एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने का फैसला किया. अंकिता अपनी पहली सैलरी भी नहीं ले पाई थी. गत 18 सितंबर को रिजाॅर्ट के संचालक और 2 मैनेजरों ने नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.
उत्तराखंड के लक्ष्मण झूला इलाके में रिजॉर्ट से लापता होने के छह दिन बाद शनिवार को पुलिस ने अंकिता का शव नहर से बरामद किया. पुलिस ने 23 सितंबर को रिजाॅर्ट के मालिक पुलकित आर्य को गिरफ्तार किया, जो राज्य के पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा है. रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक इन तीनों ने पूछताछ में कथित तौर पर एक विवाद के बाद अंकिता को नहर में धकेलने की बात कबूल की है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को अब ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि आरोपी कथित तौर पर रिजाॅर्ट में कुछ मेहमानों को ‘विशेष सेवाएं’ प्रदान करने के लिए अंकिता पर दबाव डाल रहे थे और जब उसने विरोध किया तो उसे मार दिया गया.

अंकिता भंडारी की बड़ी मां बोलीं- उसे पहली सैलरी देने से पहले ही मार दिया
अंकिता के परिवार के सदस्यों के अनुसार, वह 28 अगस्त को अपने गांव दोभ श्रीकोट से करीब 130 किलोमीटर दूर ऋषिकेश स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने पहुंची थी. अंकिता की बड़ी मां लीलावती ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण, उसे पौड़ी के भगत राम स्कूल से इंटरमीडिएट करने के बाद अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ी और काम करना शुरू कर दिया. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी चौरास बांध पर निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे, लेकिन कुछ साल पहले नौकरी छोड़ दी. परिवार में एकमात्र कमाने वाली सदस्य उसकी मां सोनी भंडारी है, जो एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं. उसका बड़ा भाई सचिन दिल्ली में पढ़ रहा है.’लीलावती ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि नौकरी के लिए उसने कैसे संपर्क किया था. लेकिन 28 अगस्त को रिजाॅर्ट से एक कार उसे लेने आई थी. रिजॉर्ट में उसे एक कमरा दिया गया था. वह वहीं रहती थी. रिसेप्शनिस्ट की नौकरी के लिए उसे 10000 रुपये प्रति माह सैलरी की पेशकश की गई थी. लेकिन हमें कहां ही पता था कि वे उसे पहली सैलरी मिलने से पहले ही मार देंगे. वह आगे पढ़ने के लिए उत्सुक थी. जब परिवार की देखभाल करने के लिए उसे अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ी तो हमें निराशा हुई. लेकिन हमने यह भी सोचा कि शायद वह जो कर रही है उसमें उसका भविष्य होगा. हालांकि, उसके जाने के कुछ ही हफ्तों बाद, उसकी मां ने मुझे बताया कि अंकिता का व्यवहार बदला-बदला सा है और ऐसा लग रहा है कि कोई चीज उसे परेशान कर रही है. उस समय हमने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा था. शायद, हमें सोचना चाहिए था.’

अंकिता और उसके दोस्त के बीच हुई व्हाट्सएप चैट पुलिस के लिए प्रमुख सबूत
डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक पुलिस ने अंकिता और जम्मू में रहने वाले उसके एक दोस्त के बीच का व्हाट्सएप चैट रिट्रीव किया है. उन्होंने कहा, ‘मैसेज में उसने (अंकिता) स्पष्ट किया कि वे (आरोपी) चाहते हैं कि वह विशेष सेवाएं प्रदान करे. उसका दोस्त और व्हाट्सएप चैट हमारे लिए प्रमुख सबूत हैं. इसके अलावा, हमें उसी नहर (चीला पावर हाउस के पास शक्ति नहर) से शव मिला, जिसमें आरोपियों ने उसे धक्का देने की बात कबूल की थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक व्हाट्सएप चैट में अंकिता ने उल्लेख किया है कि वह रिजाॅर्ट में असुरक्षित महसूस कर रही थी और आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर उसे 10000 रुपये के बदले में किसी कस्टमर को ‘विशेष सेवाएं’ प्रदान करने के लिए कहा.