नई दिल्ली । भारत में दुर्गम स्थानों पर रह रहे लोगों को दवाइयों की कमी न हो और उन्हें समय पर दवाएं पहुंचाई जा सकें इसके लिए उत्तरपूर्व में मेघालय सरकार ने ड्रोन से दवाओं की डिलीवरी शुरू कर दी है। मेघालय सरकार ने ‘टेक ईगल’ नाम के स्टार्टअप के साथ साझेदारी में एशिया का पहला ड्रोन डिलीवरी केंद्र एवं नेटवर्क की शुरुआत की है। इस केंद्र का उद्देश्य राज्यभर के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच देना है। 
स्थानीय निवासियों को ज़रूरी दवाइयों के लिए 100-100 किमी का सफ़र तय करना पड़ता था। मेघालय के मुख्यमंत्री जेम्स के संगमा ने जेंगजल सब डिविज़नल अस्पताल में ड्रोन स्टेशन का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब 50 किमी के दायरे में बसे गांवों को आसानी से दवाइयां मिल जाएंगी। बता दें कि मेघालय स्थित गारो हिल्स के गांवों तक पहुंचना आसान नहीं है। बाढ़ भूस्खलन की वजह से समय से भी यहां बनी सड़कें प्रभावित होती हैं और लोगों तक ज़रूरी सामान और दवाइयां समय से नहीं पहुंच पाती।
इस ड्रोन सर्विस को वर्ल्ड बैंक ने फ़ंड किया है। इस परियोजना का उद्देश्य ड्रोन डिलिवरी नेटवर्क के जरिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में दवा जांच के नमूने टीके जैसी जरूरी चीजों आपूर्तियों को सुरक्षित तरीके से एवं जल्द से जल्द पहुंचाना है। टेक-ईगल ने इसमें बताया कि इस सेवा के लिए एक केंद्र के तौर पर काम करने वाले जांगजेल उप संभागीय अस्पताल से सोमवार को पहली आधिकारिक ड्रोन उड़ान रवाना हुई और इसके जरिए 30 मिनट से भी कम समय में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक दवाओं की डिलिवरी की गई। सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचने में 2.5 घंटे का समय लगता है।
कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा मेघालय ड्रोन डिलिवरी नेटवर्क (एमडीडीएन) एवं केंद्र की शुरुआत दुनियाभर में स्वास्थ्य देखभाल एवं लॉजिस्टिक तक सार्वभौमिक पहुंच के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में पहला बड़ा कदम है। रिपोर्ट के अनुसार मेघालय में बीते सोमवार को ज़िला पश्चिम गारो हिल्स के पेडालडोबा के आसमान में स्थानीय निवासियों को एक मशीनी चिड़िया नज़र आई। सभी ने उत्साह के साथ इस मशीनी चिड़िया का स्वागत किया क्योंकि यह चिड़िया दवाइयां लेकर आई थी। 68 किमी दूर जेंगजल  से ये ड्रोन या मशीनी चिड़िया प्राइमरी हेल्थ सेंटर के लिए दवाइयां लेकर आई थी।