भोपाल ।    इस समय प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्‍नकाल के दौरान सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने सीएम राइज स्कूल के लिए गलत स्थान चुने जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिस जगह का चयन किया गया है, वहां पानी भरता है। आना-जाना कठिन है इसके बावजूद स्थान का चयन कर लिया गया। इस पर स्कूल शिक्षा राज्‍यमंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि जिस स्थान का चयन किया गया, वह भूमि पहले से स्कूल शिक्षा विभाग के नाम है, इसलिए प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इस बार उमाकांत शर्मा ने कहा कि असत्य जानकारी दी जा रही है। मेरे साथ अन्याय हो रहा है। अधिकारी तानाशाही कर रहे हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोई अन्याय नहीं होगा। स्कूल के लिए स्थल परीक्षण कराया जाएगा और विधायक से चर्चा करने के बाद ही उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

कांग्रेस विधायक सज्‍जन वर्मा ने भी मिलाए सुर

वहीं, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी सीएम राइज स्कूल का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि प्राचार्य के पद खाली हैं। स्कूल भवन अभी बने नहीं है और प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। सोनकच्छ में सीएम राइज स्कूल खुलना था, लेकिन उसका नाम हटा दिया गया। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया चल रही है। स्कूल भवन भी बनाए जा रहे हैं। विकासखंड मुख्यालयों पर भी सीएम राइज स्कूल होंगे। इसकी प्रक्रिया चल रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में अव्यवस्थाओं के प्रदेश की छवि प्रभावित हुई। करोड़ों रुपये का भुगतान पौधे लगाने और गमले खरीदने में कर दिए और अब न तो उन गमलों का कुछ पता है और न ही पौधों का। दतिया में हवाई अड्डा बनाया जा रहा है। अब वहां इसकी क्या जरूरत है। यह शासकीय धन का अपव्यय है। 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देने की व्यवस्था हमने की थी लेकिन भाजपा सरकार ने बिना बिजली खरीदी ही करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया। इसकी जांच होनी चाहिए। पोषण आहार, छात्रवृत्ति, नर्सिंग, व्यापमं, प्रधानमंत्री आवास, कन्यादान योजना से लेकर कई योजनाओं में घोटाले हुए हैं। दोषियों को जेल भेजने की जगह उनका संरक्षण किया जा रहा है।

गोविंद सिंह ने कहा कि अमृतकाल अधिकारियों के लिए है, न कि प्रदेश वासियों के लिए। अस्पतालों में लोगों को इलाज तक नहीं मिल रहा है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली जब से लागू हुई है। अपराध बढ़ रहे हैं। माफिया पनप रहे हैं। इसे समाप्त किया जाना चाहिए। विपक्ष के सदस्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनके क्षेत्रों में कोई काम नहीं हो रहे हैं। 49 अधिकारियों के विरुद्ध जांच चल रही है। शासन अभियोजन की स्वीकृति तक नहीं दे रहा है। महिला, बच्चों, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के ऊपर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। केंद्र सरकार की रिपोर्ट भी इसकी गवाह है। बोलने का अधिकार तक आज आम आदमी को नहीं है। झूठे मुकदमे लगाए जा रहे हैं। कई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के ऊपर प्रकरण दर्ज हो गए हैं। अवैध उत्खनन चरम पर है। खनिज संपदा को लूटा जा रहा है। नदियां को खोखली कर दी हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है स्कूलों में गणवेश बच्चों को बांटे नहीं और भुगतान हो गया। सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।