गोमती । भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने क्षेत्र के पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद कहा ‎कि भाजपा त्रिपुरा में अगला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है। बैठक में भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष, पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा, त्रिपुरा प्रभारी महेश शर्मा और मुख्यमंत्री माणिक साहा ने विधानसभा चुनाव का खाका तैयार करने पर मंथन किया। हालांकि, भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी इंडिजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का साथ छोड़ने से इनकार किया, जो पिछले साल आदिवासी निकाय चुनावों में तिपरा मोथा से हार गई थी। तब से आईपीएफटी छोड़कर कई नेता तिपरा मोथा में शामिल हो चुके हैं। तिपरा मोथा का गठन पूर्व अगरतला रियासत परिवार द्वारा किया गया था। भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुव्रत चक्रवर्ती ने कहा ‎कि बैठक में पार्टी की मौजूदा स्थिति से लेकर सरकार के प्रदर्शन और विपक्षी दलों की गतिविधियों तक विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। लोग भाजपा के साथ हैं और पार्टी अपने दम पर विधानसभा चुनाव में भारी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चक्रवर्ती ने कहा कि पार्टी हर मतदान केंद्र पर अपना आधार मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा ‎कि मैदान के अलावा, हम विपक्ष के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए पर्वतीय इलाकों में भी काफी मजबूत हैं। इसलिए पार्टी खुद को इस तरह से तैयार करेगी कि वह अकेले चुनाव लड़ सकेगी। बाद में इस पर स्पष्टीकरण देते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी पार्टी किसी नए चुनावी सहयोगी की तलाश में नहीं है और आईपीएफटी के साथ चुनावी गठजोड़ जारी रहेगा क्योंकि भाजपा कभी भी सहयोगी का साथ नहीं छोड़ती। त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। भाजपा के 35 और उसकी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के सात विधायक हैं।