छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 65वीं बटालियन ने शौर्य दिवस पर शहीद जवानों को याद किया है। CRPF के जवान हर साल 9 अप्रैल के दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन पाकिस्तान की आर्मी ने पश्चिम भारत की तरफ से सीमाओं में घुसने के लिए 'डेजर्टहॉक' नाम का ऑपरेशन लॉन्च किया था। जिसे CRPF के जवानों ने असफल कर दिया था। इन्हीं जवानों को याद करते हुए शौर्य दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर रायपुर के सीआरपीएफ कैंप के बटालियन कमांडेंट विजय कुमार सिंह ने शहीदों के सम्मान में शहीद स्मारक में पुष्प अर्पित किए

1965 में भारत के सुदूर पश्चिम की सीमा रण ऑफ कच्छ में 9 अप्रैल की सुबह 3.30 बजे के करीब पाकिस्तानी सेना की इन्फैंट्री ब्रिगेड ने हमला कर दिया। वे भारतीय सीमा में कब्जा करने के लिए अंदर घुसे। भारत की 'सरदार' और 'टाक' पोस्ट पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टुकड़ी पर उन्होंने हमला कर दिया। यहां सीआरपीएफ की 2वी बटालियन के जवान तैनात थे। पाकिस्तान ने इस पूरे ऑपरेशन को डेजर्टहॉक नाम दिया।

इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ के जवानों ने पूरी वीरता और बहादुरी के साथ पाकिस्तान की सेना का मुकाबला किया और उनके हमले को असफल कर दिया। इस लड़ाई में पाकिस्तान के 34 जवान मारे गए और चार जवान जिंदा पकड़े गए। साथ ही भारत ने भी इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ के 6 वीर सपूतों को खो दिया। इन वीर जवानों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। लगातार 12 घंटे चलने वाली इस लड़ाई में सीआरपीएफ की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तान के एक ब्रिगेड को पीछे की ओर ढकेल दिया और उनके हमले को नाकाम कर दिया। देश के लिए शहीद हुए इन जवानों की याद में 9 अप्रैल को शौर्य दिवस मनाया जाता है।

इस अवसर पर कमांडेंट विजय सिंह ने कहा कि यह हम सभी भारतीयों के लिए गर्व करने का दिन है,ये हमेशा साहस और शौर्य के लिए याद किया जाएगा। इस दिन एक छोटी सी टुकड़ी ने कई गुना अधिक संख्या वाले हमलावर पाकिस्तानी फौज को हराकर इतिहास रचा था।