अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की जोड़ी लोगों के बीच आज भी काफी पसंद की जाती है। इन दोनों कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्री में लंबा समय पूरा हो चुका है। एक-दूसरे के सुख दुख के साथी अमिताभ और जया ने एक-दूसरे के साथ कई बेहतरीन लम्हे गुजारे हैं। इन लम्हों में कुछ खट्टी-मीठी तो कुछ भयावह यादें भी हैं। आज इनकी शादी को 50 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर जानेंगे अमिताभ बच्चन से जुड़े उस किस्से के बारे में, जब मिलियन फैंस उनकी सलामती की दुआ मांग रहे थे।

जब पूरा देश कर रहा था अमिताभ की सलामती की दुआ

सभी जानते हैं कि 'कुली' के सेट पर अमिताभ बच्चन को एक सीन में चोट लग गई थी। चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ गया। ये वो दिन था, जब बिग जिंदगी और मौते से जंग लड़ रहे थे। एक ओर जया बच्चन उनके लिए परेशान थीं, तो दूसरी ओर पूरा देश उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा था। उनकी दुआ कबूल हुई, और अमिताभ बच्चन ठीक होकर घर लौटे। लेकिन ये उनके लिए बहुत बुरा वक्त था।

'क्लीनिकली डेड' डिक्लेयर हो चुके थे अमिताभ बच्चन

एक बार जया बच्चन ने बताया था कि जब अमिताभ बच्चन की रिकवरी के चांस बहुत ही कम थे, तो कैसे डॉक्टर्स ने उनसे दुआ करने के लिए कहा था, क्योंकि सिर्फ यही एकमात्र तरीका था। अमिताभ बच्चन की हालत इतनी गंभीर थी, कि उन्हें 'क्लीनिकली डेड' डिक्लेयर कर दिया गया था। वह कोमा में रहे, और कई सर्जरी के बाद भी उन्हें ट्रीटमेंट में कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। यह वक्त उनके व उनके करीबियों के लिए बहुत बुरा था।

सिमी ग्रेवाल के शो में किया था खुलासा

अमिताभ ने सिमी ग्रेवाल के शो में इस इंसीडेट से जुड़ी पूरी बात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि 'कुली' के सेट पर एक्शन सीन के दौरान गलत तरीके से उन्होंने बिल्डिंग से छलांग लगाई थी, जिससे कि वह घायल हो गए, और उन्हें ब्लीडिंग होने लगी। अमिताभ ने कहा, ''मैं कोमा में था। सेट पर हुए हादसे में मेरी आंत फट गई थी। सर्जरी इमरजेंसी में की गई थी। पांच दिन बाद हम मुंबई आए, टांके टूट गए और मुझे एक सर्जरी करनी पड़ी। यह उस सर्जरी का अंत था, जहां मैं 12-14 घंटे एनेस्थीसिया से बाहर नहीं जा सका।''

'सिर्फ प्रार्थना ही कर पाएगी मदद'

उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था कि वह अब नहीं बचेंगे। शायद ही कोई पल्स बची थी, बीपी भी लगभग शून्य हो गया था। फिर जया बच्चन ने बताया कि जब वह हॉस्पिटल गईं, तो उनके हाथ में हनुमान चालीसा थी। डॉ. दस्तूर वहां से गुजरे और कहा कि यह केवल उनकी प्रार्थनाओं और दुआओं का असर है, जो शायद क्लिनिकली डेड अमिताभ की मदद कर पाएगी। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकीं। उनसे अमिताभ की हालत नहीं देखी जा रही थी।