यूं तो हमारा देश विविधताओं से भरा है, जहां दुनियाभर की संस्कृतियों का बसेरा है। यहां हर ऋतु में उत्साह और त्यौहार की धूम रहती है। दीपावली का त्यौहार भी अपना धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। प्रकाश का यह पर्व हमें सीख देता है कि केवल बाहरी चकाचौंध ही नहीं, अपने मन के भीतर भी प्रकाश उत्पन्न करना जरूरी है। मिट्टी का छोटा-सा दीया गहरे अंधकार में भी लौ जलाकर रखता है, उसी प्रकार जैसे हमारे त्यौहार रिश्तों की डोर को बांधकर रखते हैं।
What do u do for good luck on Diwali: दिवाली के अवसर पर घरों की चौखट और मुंडेर पर दीपक जलाने की परम्परा सदियों पुरानी है। कई धर्मग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है। वनवास के बाद जब भगवान रामचंद्र अयोध्या लौटे थे, तब भी नगरवासियों ने घरों के बाहर दीपक जलाए थे। दरअसल, मिट्टी का दीपक पंचतत्वों का प्रतीक है। ये हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश व भूमि। उसमें ये पांचों तत्व मौजूद होते हैं। मिट्टी को मंगल स्वरूप माना जाता है और तेल को शनि का प्रतीक। शनि न्याय और भाग्य के देवता हैं। इसलिए मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की कृपा दृष्टि मिलती है।

Deepawali 2022: आधुनिकता की चकाचौंध में भले हम अपनी मिट्टी से दूर हो रहे हैं, लेकिन हमारे व्रत-त्यौहार हमें अपनी जड़ों से जुड़ने की सीख देते हैं। हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। इसलिए कि मिट्टी को मंगल का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा तेल शनि का प्रतीक है। शनि न्याय और भाग्य के देवता हैं। मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की कृपा प्राप्त होती है। दीपावली पर मिट्टी के दीपक जला कर अंधकार को मिटाया जाता है।

Diwali Vastu Tips 2022: धन, वैभव, ऐश्वर्य और सौभाग्य की इच्छा रखने वाले घी या तेल के दीपक जलाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा और सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होगा। लक्ष्मी पूजा के दीपक को उत्तर दिशा में रखें, ऐसा करने से आपका घर धन-धान्य से संपन्न रहेगा।

आम, बिल्व पत्र, अशोक के ताजे हरे पत्ते अथवा रंग-बिरंगे खूशबूदार फूलों का बंधनवार बांधना शुभ होता है।

उत्तर-पूर्व दिशा में जल से भरा मिट्टी का कटोरा रखकर उसमें फूलों की पंखुड़ियां डालें।

मुख्यद्वार पर रंग-बिरंगे रंगों से सजी रंगोली बनाएं।