भारत और अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जाहिर की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन के बीच शुक्रवार को इकोनामिक फाइनेंशियल पार्टनरशिप (EFP) की 9वीं बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश वित्तीय आतंक, मनी लांड्रिंग और देश से बाहर होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे।

G-20 की अध्यक्षता का अमेरिका ने किया स्वागत

अमेरिका ने जी-20 समूह की भारत की आगामी अध्यक्षता का भी स्वागत किया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में कई प्रमुख वैश्विक चुनौतियों को लेकर जी-20 की बैठक में गंभीर चर्चा होगी। बैठक से पूर्व वित्त मंत्री सीतारमण ने एक भरोसेमंद साझेदार के तौर पर भारत का अमेरिका के साथ रिश्ते को मूल्यवान करार देते हुए कहा कि वर्ष 2021 में दोनों देशों के बीच होने वाला कारोबार 100 अरब डालर को पार कर गया। पिछले 12 सालों में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार जीरो से 20 अरब डालर के स्तर तक चला गया है।

सीतारमण ने अमेरिकी वित्त मंत्री से यह भी कहा कि तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर असर नहीं पड़ा है और भारत वैश्विक अंधकार के बीच एक चमकता स्थान बनकर उभरा है। दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के उपाय को लेकर वित्तीय व्यवस्था पर भी गंभीर चर्चा की। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वित्तीय व्यवस्था में विकसित देशों द्वारा वर्ष 2025 तक हर साल 100 अरब डालर जुटाने के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने चर्चा की।

कर्ज घटाने में भारत की भूमिका अहम - अमेरिका

भारत के दौरे पर आई अमेरिका की वित्त मंत्री (ट्रेजरी सेक्रेटरी) जेनेट एल येलेन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात से पहले अमेरिकी कंपनी माइक्रोसाफ्ट के नोएडा स्थित कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शिरकत की। इस कार्यक्रम में भी उन्होंने भारत-अमेरिकी रिश्तों पर ही बात की। उन्होंने अपने भाषण के जरिये रूस और चीन पर भी निशाना साधा।