साल 2022 का पहला दिन शनिवार पड़ रहा है। कहते हैं जब किसी चीज की शुरूआत अच्छी होती है तो उसका अंत भी अच्छा है। नए साल की शुरूआत अच्छी हो, इसलिए लिए आप कुछ पुण्य कार्य कर सकते हैं।

साल के पहले दिन आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ दान कर सकते हैं। उस व्यक्ति की दुआंए आपके लिए शुभ हो सकती है। इसके अलावा किसी चीज की शुभता के लिए हम ईश्वर का आशीर्वाद लेते हैं। ऐसे में आप भी नए साल के पहले दिन किसी मंदिर में जाकर ईश्वर का आशीर्वाद लेकर अपने नए साल की शुरूआत कर सकते हैं।

नए साल के पहले दिन के स्वामी शनि महाराज हैं, जो न्याय के देवता और कर्म फलदाता है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है शनिदेव उसे उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। मकर और कुंभ शनि ग्रह की राशि हैं और तुला राशि में ये उच्च के माने जाते हैं। शनिदेव की जिस व्यक्ति पर कृपा बरस जाए तो वह व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है। लेकिन यदि इसकी टेढ़ी नजर पड़ जाए तो उस व्यक्ति को जीवन में अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर नए साल के पहले दिन आप शनि महाराज की टेढ़ी नजर से बचना चाहते हैं तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए कुछ विशेष और आसान उपाय करने होंगे।

साल 2022 में शनि ग्रह

नए वर्ष में शनि महाराज मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव का यह राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 को होगा। इसके बाद 12 जुलाई 2022 को वक्री चाल से चलने के कारण दोबारा से मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि की ये उल्टी चाल जनवरी 2023 तक रहेगी। शनि जिस भी राशि में विराजते हैं उस राशि से वे तृतीय, सप्तम और दशम दृष्टि भी रखते हैं।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

1. नए साल के पहले दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काली उड़द की दाल अथवा काले वस्त्र का दान करें।
2. नए साल के पहले शनि को प्रसन्न करने के लिए काले वस्त्र धारण करें।
3. नए साल के पहले दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे भी शनि महाराज प्रसन्न होंगे।
4. नए साल के पहले दिन शनि पूजा के समय शनि बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
5. नए साल के दिन शनि महाराज को सरसों का तेल चढ़ाएं और छाया पात्र का दान करें।

शनि के प्रकोप से बचने के उपाय

शनि साढ़ेसाती का प्रभाव साढ़े सात साल तक रहता है और शनि ढैय्या का असर ढाई बर्ष तक रहता है। इससे बचने के लिए जातकों को शनि महाराज की पूजा करनी चाहिए। शनिदोष से छुटकारा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। यदि अधिक समस्या का सामना करें तो किसी जानकार ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।