भोपाल   आज सुबह राजभवन से रवाना होकर वह कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर पहुंचे। यहां वह 'एक देश-एक स्वास्थ्य' पर आरोग्य मंथन कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें आंवले का पौधा भेंट कर स्वागत किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा-

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- दो ढाई साल में दुनिया अदृश्य महामारी के दौर से गुजरी। 1- 2% लोग ही शायद इस महामारी के प्रकोप से बचे हैं। किसी न किसी रूप में हम सभी इससे प्रभावित रहे। देश और दुनिया के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाकर मानव जीवन की रक्षा की। वैज्ञानिकों का अभिनंदन करता हूं।
इंडिया जितना सस्ता इलाज दुनिया में और कहीं नहीं। इसीलिए दिल्ली के हॉस्पिटल्स में आसपास के पड़ोसी देशों के मरीज ज्यादा मिलेंगे।
योग और आयुर्वेद को लोग किसी धर्म या मजहब से भी जोड़ देते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा-

आज के बच्चे पिज्जा खाते हैं और थम्स-अप की बोतल साथ रखते हैं। खाना कैसे पचा सकेंगे? पहले लोग सात्विक-पौष्टिक आहार लेते थे और श्रम भी करते थे, इस वजह से स्वस्थ रहते थे। मजबूत राष्ट्र के लिए नागरिकों का बीमारियों से मुक्त होकर स्वस्थ और

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा-

स्वस्थ रहने के लिए योग और अन्न भी ठीक चाहिए। हम जैसा खाते हैं, वैसा बनते हैं। आंत-दांत शाकाहार के लिए बनी है। हालांकि, मैं यह बात अपने लिए कह रहा हूं। किसी पर थोप नहीं रहा हूं।
मध्यप्रदेश देश का दिल है, यहां की जनता राष्ट्रपति जी को दिल से चाहती है।
हमने तीनों पद्धतियों का उपयोग कोविड से लड़ने के लिए प्रयोग किया। काढ़े का वितरण कर सबको उपयोग के लिए भी अनुरोध किया। योग से निरोग अभियान भी शुरू किया। आयुर्वेद, एलोपैथी और योग का भी हमने उपयोग किया।