कोलंबो । श्रीलंका में हिसंक झड़पों के बीच भारतीय उच्चायोग ने इन आशंकाओं को नकारते हुए कहा कि भारत अपने सैनिकों को श्रीलंका नहीं भेजेगा। साथ ही उच्चायोग ने कहा कि द्वीपीय देश के लोकतंत्र, स्थिरता तथा आर्थिक सुधार का भारत पूरी तरह से समर्थन करता है। श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। इस कारण देश में व्यापक स्तर पर सरकार विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, ‘उच्चायोग, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों पर में भारत द्वारा श्रीलंका में अपने सैनिकों को भेजे जाने के बारे में आ रही खबरों का खंडन करता है। ये खबरें और इस तरह के विचार भारत सरकार के रुख से मेल नहीं खाते।’ मिशन ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत, श्रीलंका के लोकतंत्र, स्थिरता तथा आर्थिक सुधार का पूरी तरह से समर्थन करता है।