नए साल में सरकारी आंकड़ों में भले ही खुदरा महंगाई कम हुई हो, लेकिन लोन लेने वालों के लिए बुरा अनुभव रहा है। जनवरी के अब तक के 14 दिनों में 8 बैंकों ने कर्ज महंगा कर दिया है। इससे सभी तरह के कर्ज पर ब्याज दरें ज्यादा हो गई हैं। इसी के साथ फरवरी मेें एक बार फिर से लोगों को झटका लग सकता है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो दर में एक बार और वृद्धि कर सकता है। एक बड़े सरकारी बैंक के अधिकारी ने बताया, दिसंबर में रेपो दर 0.35 फीसदी बढ़कर 6.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।

उस समय भी बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाई थीं और अब भी उसी आधार पर दरें बढ़ रही हैं। इसमें कर्ज और जमा दोनों पर दरें बढ़ी हैं। हालांकि, फरवरी में 0.25 फीसदी फिर से दरों के बढ़ने की उम्मीद है और इस आधार पर बैंक एक बार और कर्ज महंगा कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि, लगातार पांच बार रेपो दर में 2.25 फीसदी वृद्धि होने के बाद सभी तरह के कर्ज करीब ढाई फीसदी तक महंगे हो गए हैं।

इससे होम, ऑटो, खुदरा और पर्सनल लोन सहित सभी कर्ज पर असर पड़ा है। लोगों की किस्त में या तो इजाफा हुआ या फिर उनकी कर्ज की अवधि बढ़ गई है। शुक्रवार को ही नोमुरा ने रिपोर्ट में कहा था कि फरवरी में रेपो दर 0.25 फीसदी बढ़ सकती है। हालांकि, खुदरा महंगाई अब आरबीआई के लक्ष्य के अंदर ही है। आरबीआई को चार फीसदी का लक्ष्य दिया गया है। इसमें दो फीसदी ज्यादा या कम भी चल सकता है।

शुक्रवार को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने सभी अवधि के मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी की बढ़त कर दी। नई दर रविवार से लागू होगी। एक साल का एमसीएलआर 8.40 फीसदी होगा जो पहले 8.30 फीसदी था। दो साल का एमसीएलआर 8.50 और तीन साल का 8.60 फीसदी होगा।