खंडवा ।    शहर के खानशाहवली क्षेत्र में करीब ढाई वर्ष पूर्व चरित्र शंका में पत्नी को केरोसिन डालकर जलाने वाले पति को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा दी है। मोघट पुलिस द्वारा इसे जघन्य और सनसनीखेज मामला चिन्हित कर विवेचना की थी। मृतिका हिंदू और आरोपित पति मुस्लिम था। महिला ने दूसरा विवाह किया था। मंगलवार को आरोपित 26 वर्षीय वसीम उर्फ अल्लु शाह पुत्र कल्याणी शाह निवासी खानशाहवली को धारा 302 व एससी एक्ट में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड का विशेष न्यायालय के न्यायाधीश प्रकाशचंद्र आर्य ने फैसला सुनाया है। मृतक महिला हिंदू थी। दो बच्चों को लेकर पहले पति से अलग रह रही थी। इसके बाद उसने आरोपित से शादी रचाई थी। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि पीड़िता कैलाशवंती उर्फ मुस्कान की जलने से अगस्त 2020 में जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसने अपने मरणासन्न बयान में बताया था कि वह अपने दूसरे पति वसीम उर्फ अल्लुशाह और दो बच्चों के साथ खानशाहवली क्षेत्र में नूरानी मस्जिद के पास किराए के कमरे में रहती थी। वह लोगों के घरों में झाडू-पोंछे का काम करती थी। पूर्व हिंदू पति से उसके दो बच्चे हैं। पति से तलाक लेकर अलग रहती थी।

करीब ढाई साल पहले उसने वसीम शाह से मछली बाजार के पास की मस्जिद में निकाह किया था। शादी के बाद पति वसीम उसके चरित्र पर शंका कर परेशान करता था। 29 अगस्त 2020 की रात करीब नौ बजे वह खाना बना रही थी। दोनों बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। उसी समय पति वसीम शाह ने चरित्र शंका में उसका मोबाइल उठाया और चेक करने लगा और उसका मोबाइल फोड़ दिया। इस बात पर झगड़ा होने पर कैलाशवंती को जान से मारने की नीयत से केरोसिन डालकर आग लगा दी। कैलाशवंती चिल्लाते हुए घर से बाहर निकली तो मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए। यहां इलाज के दौरान पीड़िता की मृत्यु हो गई। मोघट पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। पुलिस द्वारा मामला जघन्य और सनसनीखेज से चिन्हित किया गया था। अभियोजन की ओर से प्रकरण का संचालन उपसंचालक अभियोजन एमएल सोलंकी ने किया।