भोपाल  ।   तकनीकी शिक्षा विभाग के शिक्षकों को अब पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं होगी। वे बिना अवकाश लिए अपनी पीएचडी पूरी कर सकेंगे। शिक्षकों के अध्ययन अवकाश के बढ़ते आवेदनों को देखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग ने यह व्यवस्था की है। इसके लिए विभाग ने आइआइटी इंदौर से अनुबंध किया है। न्यूनतम शुल्क लेकर शिक्षकों को पीएचडी की डिग्र्री कराई जाएगी। यह प्रयोग मध्य प्रदेश के किसी विभाग में पहली बार होने जा रहा है। शिक्षक ग्रीष्मकाल के अवकाश में पढ़ाई कर सकेंगे। अभी शिक्षकों के अध्ययन अवकाश पर जाने के कारण कालेजों में शिक्षकों कमी होती है, लेकिन इस व्यवस्था से इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेजों में न ही शिक्षकों की कमी होगी और न ही पढ़ाई प्रभावित होगी। पीएचडी में प्रवेश लेने वाले शिक्षकों की आनलाइन क्लास लगेगी। वे अपने कार्यस्थल या घर पर रहकर क्लास अटेंड कर सकेंगे। देश के प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी इंदौर से पीएचडी करने पर मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों को बेहतर प्रोफेसर मिलेंगे।

प्रदेश में ढाई हजार शिक्षक, हर साल पीएचडी के सौ से अधिक आते है आवेदन

तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश में ढाई हजार शिक्षक है। इनमें से हर साल सौ से अधिक शिक्षक पीएचडी के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन बहुत कम शिक्षकों को ही पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश स्वीकृत होता है। अवकाश स्वीकृत न होने पर कई बार शिक्षक कोर्ट चले जाते हैं।

इंजीनियर कालेजों में सुधरेगा शिक्षा का स्तर

तकनीकी शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा आइआइटी इंदौर से पीएचडी करने के बाद मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेजों को बेतहर शिक्षक मिलेंगे। इससे संभवत: इंजीनियरिंग की पढ़ाई का स्तर सुधरेगा।

एक नजर में

- इंजीनियरिंग कालेज - 8
- पालीटेक्निक कालेज - 69
- शिक्षक- 2500
- पीएचडी आवेदन - प्रति वर्ष 100

इनका कहना है

इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेज के शिक्षकों को पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं होगी। आइआइटी इंदौर से अनुबंध किया है, शिक्षक आइआइटी में प्रवेश लेकर पीएचडी पूरी कर सकेंगे।

- मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास