भोपाल । पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने 18 जुलाई से दालों और अन्य खाद्यान्नों पर भी 5 फीसदी जीएसटी ठोकने की घोषणा कर दी है, जिसके चलते देशभर के इससे जुड़े उद्योग-व्यापारी विरोध कर रहे हैं और 16 जुलाई को मंडियों के साथ-साथ दाल मिलें और खाद्यान्न से जुड़े अन्य कारोबार बंद रहेंगे। इन व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी लगाने से जहां खाद्यान्न की कीमतें बढ़ेेंगी, वहीं व्यापार-व्यवसाय भी प्रभावित होगा।
प्री-पैक और प्री-लेवल वाले खाद्यान्न के अलावा दही, बटर मिल्क और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर केन्द्र सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया है, जो अभी 18 जुलाई से अमल में भी आ जाएगा। देशभर के औद्योगिक संगठन जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और भारत बंद का आव्हान भी किया गया है। क्योंकि अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और वे केन्द्र की ही अपनी सरकार के निर्णय का विरोध नहीं कर सकते, इसलिए बंद को इतना व्यापक समर्थन नहीं मिल रहा है। बावजूद इसके फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स सहित अन्य संगठनों ने केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ-साथ सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से फैसला वापस लेने की मांग की है। दिल्ली में भी अभी मीटिंग हुई, जिसमें प्रदेश के व्यापारिक संगठनों के साथ-साथ देशभर के खाद्यान्न व्यापार से जुड़े उद्योगपति, व्यापारी और उनके संगठन शामिल हुए। इस निर्णय से किसानों को भी नुकसान होगा और बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगाए गए हैं। प्रदेश की भी मंडियां, दाल मिलें और खाद्यान्न से जुड़े व्यापार-व्यवसाय 16 जुलाई को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इंदौर में ही कई दाल मिलें भी इस निर्णय से प्रभावित होंगी।