आगामी बजट की तैयारियों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि देश का अगला बजट बहुत ही सावधानी से बनाना होगा, जिससे आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बनाए रखने के साथ उच्च महंगाई पर लगाम लगाने में मदद मिले। भारत इस समय धीमी विकास दर और उच्च महंगाई की दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की उच्च कीमतें निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में शामिल होने वाशिंगटन डीसी आईं वित्त मंत्री ने ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में जाने माने अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद के अगले साल के बजट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, इस बारे में कुछ विशेष बता पाना अभी जल्दबाजी होगी और यह मुश्किल भी है। लेकिन, मोटे तौर पर वृद्धि की प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी। महंगाई की चिंताओं से भी निपटना होगा।लेकिन,फिर सवाल उठेगा कि आप विकास दर को किस प्रकार बरकरार रखेंगे। सीतारमण ने कहा, अब यही देखना है कि दोनों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि महामारी से उबरकर भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो गति पाई है, वह अगले साल भी कायम रहे। इसलिए इस बजट को बहुत ध्यानपूर्वक कुछ इस तरह बनाना होगा कि आर्थिक विकास दर की रफ्तार बरकरार रह सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी।