नई दिल्ली । आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने  पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और अपने लिए समर्थन मांगा। अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर की सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे 84 वर्षीय सिन्हा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी संपर्क किया। यशवंत सिन्हा विपक्ष के बड़े नेताओं की मौजूदगी में 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं। 
यशवंत सिन्हा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन किया। सिन्हा ने सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देने के वादे की याद दिलाई। इस बात की चर्चा थी कि सिन्हा शुक्रवार को अपने गृह राज्य झारखंड से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाले हैं, लेकिन उन्हें इसे रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि अब सामने आया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संथाल समुदाय की द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में झुक रहे हैं। जिनको राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
इससे पहले एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई विपक्षी नेताओं को फोन कर अपने लिए समर्थन मांगा था। द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को पीएम मोदी, राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य लोगों की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। 
गौरतलब है कि राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा और नतीजा 21 जुलाई को घोषित किया जाएगा। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू दोनों को केंद्र की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई गई है। सिन्हा को जहां जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, वहीं मुर्मू को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी।