कीव । रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अपने पांचवे माह में प्रवेश कर चुकी है। हाल ही में रूस ने स्नेक आइलैंड से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस ने काला सागर में स्थित द्वीप पर फॉस्फोरस बमों से हमला किया है। यूक्रेनी सेना के कमांडर-इन-चीफ ने कहा कि रूस के दो एसयू-30 लड़ाकू विमानों ने रूसी कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप से द्वीप के ऊपर उड़ान भरते हुए फॉस्फोरस बम गिराए। यूक्रेनी सेना ने कहा, आज शाम करीब 6 बजे... रूसी वायुसेना के एसयू -30 विमानों ने दो बार जमीनी आइलैंड पर फॉस्फोरस बमों से हमला किया। बयान में सेना ने द्वीप के दूसरे नाम का इस्तेमाल किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को द्वीप से सैनिकों की वापसी को 'सद्भावना' करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी में हुए संयुक्त समझौतों के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में मानवीय अनाज निर्यात गलियारा बनाने के लिए मॉस्को ने स्नेक आइलैंड से अपनी पोजीशन छोड़ने का फैसला किया है।
यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया कि रूस 'खुद अपनी ही बात पर कायम नहीं रह सकता।' बयान के साथ शेयर किए गए वीडियो में एक प्लेन को दो बार द्वीप पर बम गिराते हुए देखा जा सकता है। फॉस्फोरस बम गिराए जाने के बाद आसमान में एक सफेद निशान छोड़ता है। आम नागरिकों के खिलाफ इस घातक हथियार का इस्तेमाल प्रतिबंधित है, लेकिन सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए इस इस्तेमाल किया जा सकता है। फॉस्‍फोरस बम को काफी खतरनाक माना जाता है। ये दो तरह से इंसानी शरीर को सीधे नुकसान पहुंचाता है। पहला, शरीर को झुलसाकर और दूसरा धुएं से इंसान का दम घोंटकर। इस बम के कण भी शरीर के संपर्क में आने पर इंसान को घायल कर देते हैं। आमतौर पर युद्ध में वाइट फॉस्फोरस का इस्तेमाल होता है। जब यह ऑक्सिजन के संपर्क में आता है, तब यह जलने लगता है जिससे जहरीला धुआं पैदा होता है।