देवास ।   सीआइएसएफ आरक्षक भर्ती में छह दिन में दूसरा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मुरैना के बाद अब सतना का युवक पकड़ा गया है। इस केस में भी आरोपित युवक ने लिखित परीक्षा अन्य किसी व्यक्ति से क्लीयर करवाई थी और खुद फिजिकल टेस्ट देने पहुंचा था, लेकिन बायोमैट्रिक में फिंगर प्रिंट के मिलान नहीं होने से धोखाधड़ी पकड़ में आ गई। जब फर्जीवाड़ा सामने आया तो आरोपित युवक परीक्षा परिसर से भागा, जिसे जवानों ने 20-25 मिनट में पकड़ लिया। सीआइएसएफ के सहायक कमांडेंट के आवेदन पर बीएनपी पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार लिया और पूछताछ की जा रही है।

जानकारी के अनुसार 26 मई को देवास में बैंक नोट प्रेस के परिसर में सीआइएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के लिए फिजिकल टेस्ट था। इसमें धीरजसिंह निवासी शेरगंज तहसील रघुराज जिला सतना से शारीरिक मापदंड की परीक्षा देने पहुंचा था। सुबह करीब 7 बजे जब परीक्षार्थियों की बायोेमैट्रिक जांच की जा रही थी, तब धीरजसिंह के फिंगर प्रिंट लिए गए, लेकिन फिंगर प्रिंट का मिलान नहीं हुआ। टीम ने फोटो भी मिलाया, लेकिन लिखित परीक्षा के वक्त लिया गया और वर्तमान फोटो भी मेल नहीं खाया। इसके बाद देर रात प्रकरण दर्ज करवाया गया।

गैंग होने की पूरी आशंका

मामले के गैंग से जुड़े होने की आशंका सामने आई है, क्योंकि 20 मई को भी फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसमें परीक्षार्थी पवन गुर्जर निवासी मुरैना पकड़ा गया था। इसमें उसने दलील थी कि दोस्त इंद्रजीत से लिखित परीक्षा क्लीयर करवाई थी, लेकिन जब पुलिस मुरैना गई तो पता चला कि इंद्रजीत पहले ही इस प्रकार के मामलों में जेल में बंद है। छत्तीसगढ़ के भिलाई में भी कुछ दिन पहले आरक्षक की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें चार लोग पकड़े गए थे। इसके तार भी मुरैना से जुड़े हैं।

सतना भी जाएगी टीम

पुलिस आरोपित से पूछताछ में जुटी है। इसके आधार पर टीम लिखित परीक्षा क्लीयर करने वाले व्यक्ति को ढूंढने के लिए सतना जाएगी।

इनका कहना है

प्रकरण दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित धीरजसिंह सतना से परीक्षा देना आया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पढ़ाई में कमजोर होने की वजह से उसने दूसरे से लिखित परीक्षा क्लीयर करवाई थी।

अजयसिंह डोज, उपनिरीक्षक, बीएनपी थाना, देवास