भोपाल। आरक्षण विवाद के चलते प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया पर अघोषित विराम लगा हुआ है। मप्र लोक सेवा आयोग की सबसे अहम परीक्षा में से एक राज्य सेवा परीक्षा के जरिए तीन साल से कोई भर्ती नहीं हुई है जबकि इनमें 6 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है।
 हालांकि अब पीएससी 2022 की राज्य सेवा परीक्षा की घोषणा करने जा रहा है। इसके लिए विभागों से रिक्त पदों की जानकारी बुलवाई गई है। भर्तियों में लेटलतीफी से कई विभागों में अफसरों की कमी है।
अंतिम नियुक्तियां आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही
वर्ष 2019 से 2021 की राज्य सेवा परीक्षा से ही 1177 पदों पर भर्ती होनी है। विवादों के बीच पीएससी ने 2019 की मेन्स का कार्यक्रम जारी कर दिया। ये परीक्षा 6 से 11 फरवरी को होगी। हालांकि इसकी भर्तियां भी आसान नहीं रहेंगी। अंतिम नियुक्तियां आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही की जाएंगी। इधर 2020 की राज्य सेवा परीक्षा पर भी असमंजस है। मेन्स कराने के बाद आए कोर्ट के फैसले ने पीएससी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट हो तो सालभर में राज्य सेवा परीक्षा 2021 तक की भर्तियां की जा सकती हैं- इधर मप्र लोक सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. रवींद्र पंचभाई बताते हैं कि आयोग विभागों से जारी रोस्टर अनुसार ही भर्ती की घोषणा करता है। सभी परीक्षाएं समय पर हो रही हैं। कानूनी प्रकरणों के कारण नियुक्तियों में अड़चन है। 2018 की भर्तियां एक साल में कर दी गईं। आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट हो तो सालभर में राज्य सेवा परीक्षा 2021 तक की भर्तियां की जा सकती हैं।