दावोस । ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने लातिन अमेरिकी देशों, एशियाई और अफ्रीका के कुछ देशों (ग्लोबल साउथ) में बाल देखभाल, शिक्षा और महिलाओं के लिए काम के अवसरों के वित्तपोषण के लिए कोरोना महामारी के सबसे धनी लाभार्थियों पर कर लगाने का आह्वान किया है। यहां विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 के दौरान लैंगिक समानता पर एक सत्र में बोलते हुए, ऑक्सफेम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने कहा कि कुछ उद्योग बहुत अच्छा कर रहे हैं और महामारी के दो वर्षों के दौरान अरबपतियों की संपत्ति में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा हालांकि, दूसरी तरफ, लाखों महिलाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर ‘ग्लोबल साउथ’ (लातिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका के कुछ देशों) में ऐसा हुआ है और उन्हें अनौपचारिक क्षेत्र में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता हासिल करने में अब 136 साल लगेंगे क्योंकि महामारी ने प्रगति को एक पीढ़ी पीछे धकेल दिया है। बुचर ने कराधान के माध्यम से अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘मोटे तौर पर जो शीर्ष पर मुनाफा कमा रहे हैं उनमें ज्यादातर पुरुष हैं और पूरी व्यवस्था, अवैतनिक देखभाल कार्य के संबंध में वास्तव में महिलाओं के कंधों पर है। उन्होंने कहा हम समाधानों के वित्तपोषण के लिए धन पर कर लगाने की वकालत करते हैं।