सब ने घर अपने तरीके से बनवाया होता है अच्छा ही बना होता है । पर उनको ये नहीं पता है की घर भी वास्तु दोष होता है ।वस्तु दोष हमारे जीवन मे मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है । परिवार में क्लेश , तनाव ,आर्थिक तंगी चलती रहती है । इससे परिवार के हर सदस्य के करियर पर बुरा असर पड़ता हैं । ये हमको कई परेशानियों को देखता है जिसकी हमको भनक तक नहीं रहती है । वस्तु दोष हमको कभी भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचने देती है वह कोई न कोई रुकावट पैदा करती ही है । हमको तमाम तनावों का सामना करना पड़ता है ।

ये दोष हमारे परिवार की सारी खुशियों को नजर लगा देता है। आइए देखते है की हमारे जीवन में वस्तु दोष है उसके क्या क्या उपाय और हम अपने जीवन को उस उपाय से कैसे सरल बनाए। वस्तु दोष की शांति के लिए हमको अपने घर में रोज सुबह सुंदरकांड का पाठ और रामचरित मानस का पाठ करना चाहिए । इससे घर में शांति बनी रहेगी । और जो नकराकात्मक ऊर्जा है वो भी काम होगा । ऐसा करने से मन को भी शांति मिलेगी और परिवार में भी अच्छी सोच बनी रहेगी ।घर में कोई भी खराब वस्तु को ना रखे और ना ही बंद बस्तुयो को रखे ये हमारे भी समय को बंद कर देता है। मतलब की घर में गलत भावनाओं का प्रवेश होना जो हमारे जीवन में उथल - पुथल मचाकर चला जाता है।

कभी भी घर के दरवाजे आमने -सामने नहीं होना चाहिए । और दक्षिण में तो मेन गेट के दरवाजे नहीं होना चाहिए

अगर है तो घर में घुसते ही ठीक सामने हनुमान जी की पंचमुखी फोटो तंग दो । और उसको रोज अगरबत्ती भी दिखा दिया करो । इससे घर में घुसते ही सकारात्मकता की भावना आएगी ।

वस्तु दोष को देखते हुए बताया जाता है की मेन गेट हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए । वस्तु के हिसाब से हर कमरे , हॉल , किचन , और भी बहुत चीज है जिसका एक दिशा होता है।

किसी भी घर का मेन गेट , आंगन , और पूजा स्थाल टूटी फूटी नहीं होना चाहिए । इससे घर के मुखिया पर मानसिक तनाव बना रहता है । घर में मानसिक सुकून नहीं रहता हैं ।

वस्तु दोष की वजह से घर में नकरात्मक ऊर्जा हो जाती है उससे बचने के लिए हमको सुबह पूजा अर्चना करने के बाद घर में लोहबान का धूप पूरे घर में दिखना चाहिए । इससे घर मे शांति बनी रहती है । इसके साथ ही कर्पूर की टिकियां को एक जगह रख देना चाहिए ।

वस्तु दोष तो जहां हम काम करते , पढ़ाई करते , वहा पर भी होता है । हमको कभी भी बीम के नीचे ये सब नहीं करनी चाहिए । इस दोष को हटाने के लिए मोर पंख या बासुरी को टांग दे ।

हमारा बेडरूम कभी भी अग्निकोण पर नहीं होना चाहिए । अगर है तो हम आग के समान ही जलते रहते हैं । हमको सोने के टाइम सिर कभी भी उत्तर दिशा में कर के नहीं सोना चाहिए । दक्षिण और पूर्व दिशा उचित है सोने के लिए । बीम के नीचे भी ना सोए इससे मानसिक सुकून नहीं रहता हैं ।