उज्जैन. वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) के अनुसार पेड़-पौधे घर या उसके आस-पास यदि उपर्युक्त दिशा में न हो तो यह शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। और भी कई समस्याएं जीवन में इस कारण हो सकती है। कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो पेड़-पौधों से होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। आगे जानिए इससे जुड़े वास्तु टिप्स.

1. घर के बगीचे या बालकनी में उत्तर-पूर्व एवं पूर्व दिशा में छोटे पौधे जैसे तुलसी, गेंदा, लिली, हरीदूब, पुदीना, हल्दी आदि लगाने चाहिए। इन दिशाओं में छोटे पौधे होने से उगते हुए सूर्य की स्वास्थ्यवर्धक रश्मियां घर में प्रवेश कर सकेंगी, जिससे परिवार के सदस्यों की सेहत दुरुस्त रहेगी, सामाजिक रिश्ते मजबूत होंगे।
2. अद्भुत औषधीय गुणों वाला तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करता है, वहीं यह अपने आस-पास के वातावरण को भी शुद्ध करता है, अतः इसे घर में अवश्य लगाना चाहिए।
3. उत्तर दिशा में नीले रंग के फूल देने वाले पौधे जीवन में समृद्धि लाने में सहायक सिद्ध होंगे। नीला रंग व्यक्ति के जीवन में स्थिरता व पवित्रता लाता है।
4. ऊंचे पेड़ों को सदैव घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित माना गया है। इस दिशा में पीपल का वृक्ष, नारियल का पेड़ ,नीम या अशोक का वृक्ष लगाना शुभ फलदायी होता है। पीपल को घर से पर्याप्त दूरी पर या कहीं खुले स्थान में पश्चिम दिशा की तरफ लगाना शुभ परिणाम देता है। पीपल की विशेषता यह है कि यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। वातावरण को शुद्ध करने वाला यह वृक्ष अनेकों असाध्य रोगों में लाभकारी है।
5. सफ़ेद रंग के फूलों के पौधे जैसे चांदनी, मोगरा, चमेली आदि को पश्चिम दिशा में लगाने से लाभ एवं प्राप्तियों के अवसर बढ़ जाते हैं। इनसे बच्चों में रचनात्मक शक्ति का विकास होता है। पश्चिम दिशा में भूल से भी कांटेदार पौधे या वृक्ष नहीं लगाने चाहिए।
6. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रांगण में बेल का पौधा होने से आप सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचे रहते हैं एवं वास्तुदोष दूर होकर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा बेल का पौधा वहां रहने वाले हर सदस्य को यशस्वी और तेजवान बनाता है।