हर व्यक्ति के जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है 'बिना गुरू के ज्ञान कहां' अर्थात सच्चे गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं होता है.

दुनिया में हम कोई भी चीज बिना सच्चे गुरु के नहीं सीख सकते हैं. गुरु के सम्मान में लोग गुरु पूर्णिमा के दिन उनकी पूजा करते हैं उन्हें दान दक्षिणा देते है. हिन्दू धर्म के लोगों में गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है. गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 13 जुलाई को मनाया जाएगा.

गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2022 Tithi and Shubh Muhurt)
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. गुरु पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4 बजे प्रारंभ होगी 14 जुलाई को रात 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी.

गुरु पूर्णिमा पर प्रात: काल से ही इंद्र योग बन रहा है जो कि दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. जबकि रात 11 बजकर 18 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए काफी शुभ हैं.

गुरु पूर्णिमा 2022 क्या करें (Guru Purnima 2022 Dos)
अपने गुरु का ध्यान करें गुरु मंत्र का जाप करें जिन्होंने अभी तक अपना गुरु नहीं बनाया है. वे भगवन शिव जी को गुरु मानते हुए उनका ध्यान कर पंचाक्षर मंत्र का जप करें. जिन साधनों से ज्ञान मिलता है उनकी पूजा करनी चाहिए. गुरु के उपदेश का पालन करना चाहिए.

गुरु पूर्णिमा 2022 क्या न करें (Guru Purnima 2022 Dont's)
किसी को भी बिना अच्छी तरह से जानें अपना गुरु न बनाएं. बुद्धिमान, विवेकवान शास्त्रज्ञ को ही अपना गुरु बनायें ना कि किसी चमत्कारिक व्यक्ति को.