हर साल की तरह इस साल भी मार्गशीर्ष मास यानी अगहन की पूर्णिमा में अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी. इस दिन माता पार्वती देवी के अन्नपूर्णा अवतार को पूजा जाता है. हिंदू धर्म में अन्न को भगवान का दर्जा दिया गया है. घर में सुख-शांति के साथ-साथ धन-धान्य की कमी न हो इसके लिए अन्नपूर्णा माता की पूजा की जाती है. चलिए जानते हैं अन्नपूर्णा जयंती कब है और क्या है पूजा विधि...

कब है अन्नपूर्णा जयंती ?
अन्नपूर्णा जयंती इस साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में मनाई जाएगी. इस साल अन्नपूर्णा जयंती 8 दिसंबर 2022 दिन गुरुवार को पड़ रही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार अगहन माह में पूर्णिमा के दिन माता पार्वती ने धरती पर अन्नपूर्णा के रूप में प्रकट हुई थीं। इस दिन माता अन्नपूर्णा देवी की पूजा करने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.

क्या है अन्नपूर्णा जयंती की पूजा विधि
अन्नपूर्णा जयंती के दिन श्रद्धालुओं को सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर की रसोई को साफ-सुथरा करना चाहिए. इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़के. किचन की पूर्व दिशा में एक लाल कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर नव धान्य की ढ़ेरी बनाकर रखें. इसपर मां अन्नपूर्णा की तस्वीर रखें. इसके बाद एक जल से भरे तांबे के कलश में अशोक या आम के पत्ते और नारियल रखें.इस दिन गैस की भी पूजा करें. इसके साथ ही घर में घी का दीपक जलाएं और इसके साथ ही अन्नपूर्णा को रोली से तिलक करें और लाल फूल अर्पित करें. फिर चूल्हे पर भी रोली लगाकर तिलक करें और लाल फूल चढ़ाएं. इस दिन चूल्हे की पूजा के बाद चावल की खीर बनाए, यह शुभ माना गया है.