Chris Wood ने भारतीय कंपनियों में निवेश को बढ़ाया, DLF, RIL, Zomato और MakeMyTrip को चुना

जेफरीज (Jefferies) में ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने अपने एशिया एक्स-जापान लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में फेरबदल किया है। उन्होंने गोदरेज प्रॉपर्टीज़ (Godrej Properties) से अपना निवेश हटा लिया है, जबकि मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers) में निवेश 1% बढ़ाया है। अब मैक्रोटेक डेवलपर्स में उनका निवेश 4% पर पहुंच गया है।
वुड ने निवेशकों को लिखे अपने साप्ताहिक नोट ग्रिड एंड फियर (GREED & fear) में लिखा, “एक अन्य भारतीय रियल एस्टेट कंपनी DLF लिमिटेड में 3% वेटेज के साथ निवेश जोड़ा जाएगा। भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip में 4% वेटेज के साथ निवेश किया जाएगा, जिसके लिए एक्सिस बैंक से निवेश हटाया जाएगा। वहीं जोमैटो (Zomato) में निवेश 1% बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए TSMC में वेटेज घटाया जाएगा।”
भारत के लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में वुड ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) में निवेश 2% बढ़ाया है। इसके लिए HDFC बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में निवेश 1-1% घटाया जाएगा।
ग्लोबल लॉन्ग-ओनली इक्विटी पोर्टफोलियो के तहत वुड ने MakeMyTrip में निवेश जोड़ा है, जिसके लिए एक्सिस बैंक से निवेश हटाया गया है। उन्होंने कहा कि गोदरेज प्रॉपर्टीज़ से भी निवेश पूरी तरह हटा लिया जाएगा और इसकी जगह मैक्रोटेक डेवलपर्स में निवेश किया जाएगा।
भारतीय शेयर बाजारों ने की स्मार्ट रिकवरी
भारतीय शेयर बाजारों ने हाल ही में अपने निचले स्तरों से तेज रिकवरी दिखाई है और निफ्टी 50 इंडेक्स 6.6% चढ़कर लगभग 23,600 के स्तर तक पहुंच गया है। सेक्टर्स की बात करें तो पब्लिक सेक्टर के शेयरों ने जोरदार वापसी की है, जहां NSE पर सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़ेज़ के प्रदर्शन को मापने वाला निफ्टी CPSE इंडेक्स इस दौरान 14% बढ़ा है।
ACE इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, एनर्जी, कमोडिटी, मेटल, PSU बैंक, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑयल एंड गैस और रियल्टी इंडेक्स ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है और मार्च महीने में अब तक इनके बेंचमार्क इंडेक्स 8% से 12% तक चढ़ चुके हैं।
अमेरिकी शेयर बेचें, उभरते बाजारों में बढ़ाएं निवेश
एक व्यापक रणनीति के तहत वुड ने सुझाव दिया है कि निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजारों में आने वाली तेजी पर मुनाफावसूली करनी चाहिए और निवेश का फोकस यूरोप, चीन और अन्य उभरते बाजारों की इक्विटी पर बढ़ाना चाहिए। उनका मानना है कि अमेरिका से बाहर निवेश आवंटन की प्रक्रिया अभी शुरू ही हुई है।
वुड ने लिखा, “अमेरिकी शेयर अब भी तुलनात्मक रूप से महंगे हैं, जबकि वहां की कॉरपोरेट कमाई की वृद्धि दर लगातार गिर रही है। इसके विपरीत यूरोप, चीन और यहां तक कि जापान में भी कॉरपोरेट अर्निंग्स को लेकर पॉजिटिव सुधार देखे जा रहे हैं। जहां तक हालिया ऑटो टैरिफ की बात है जो 2 अप्रैल से लागू होने वाले हैं, 25% टैक्स उम्मीद से कहीं ज्यादा है। इसका असर पहले से संकट से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री पर नकारात्मक रहेगा, और जापान के लिए यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।”
ग्लोबल फंड मैनेजर्स भी अमेरिकी शेयरों से बना रहे दूरी
वुड के अलावा अन्य ग्लोबल फंड मैनेजर भी अमेरिकी शेयर बाजारों में अपने निवेश को घटा रहे हैं। BofA सिक्योरिटीज की मार्च में जारी ताजा फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक, फंड मैनेजरों का अमेरिकी स्टॉक्स में आवंटन घटकर लगभग 23% अंडरवेट हो गया है, जो जून 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है।
BofA सिक्योरिटीज द्वारा मार्च में किए गए सर्वे में शामिल ग्लोबल फंड मैनेजरों में से शुद्ध रूप से 44% का मानना है कि आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक वृद्धि और कमजोर होगी। यह आंकड़ा पिछले महीने की तुलना में काफी ज्यादा है।
मार्च में अमेरिकी इक्विटी में आवंटन 40% गिरा
BofA सिक्योरिटीज के अनुसार, “मार्च में अमेरिकी इक्विटी में आवंटन 40% गिरा, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। वर्तमान आवंटन इसके लॉन्गटर्म औसत से 1 स्टैंडर्ड डिविएशन नीचे है। वहीं यूरो जोन इक्विटी में आवंटन मासिक आधार (MoM) पर 27% बढ़कर नेट 39% ओवरवेट हो गया, जो जून 2021 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। फंड मैनेजर अब उभरते बाजारों (EM) के शेयरों में 20% ओवरवेट हैं, जो मासिक आधार पर 20% की बढ़ोतरी है।”
BofA ने बताया कि मार्च में हुए सर्वे में कुल 205 पैनलिस्ट्स ने हिस्सा लिया, जिनके पास कुल 477 अरब डॉलर की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) थी। इनमें से 171 प्रतिभागियों ने ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे (Global FMS) से जुड़े सवालों के जवाब दिए, जिनकी कुल AUM 426 अरब डॉलर थी। वहीं 107 प्रतिभागियों ने रीजनल फंड मैनेजर सर्वे (Regional FMS) के सवालों का जवाब दिया, जिनकी कुल AUM 193 अरब डॉलर रही।