रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात जुलाई को भाजपा के चुनावी अभियान का शंखनाद करेंगे। पीएम मोदी रायपुर में करीब दो घंटे रहेंगे, इस दौरान प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनाव में भाजपा पीएम मोदी के चेहरे और काम के दम पर मैदान में उतरेगी।

नवा रायपुर से लेकर साइंस कालेज मैदान तक लगे पांच हजार होर्डिंग, बैनर-पोस्टर

पीएम मोदी के स्वागत ने स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से साइंस कालेज मैदान में पोस्टर और बैनर से पाट दिया गया है। पूरे शहर में पीएम मोदी का चेहरा नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं ने विशेष रणनीति के तहत पोस्टर अभियान चलाया है, जिसमें मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र है। देश का गौरव बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट को पोस्टर में शामिल किया गया है। सभा की तैयारी के लिए भाजपा नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है।

विधानसभा चुनाव 2के मद्देनजर प्रधानमंत्री प्रदेश की जनता को साधेंगे। पिछले नौ वर्ष में उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेंगे। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि इस सभा को विजय संकल्प जनसभा नाम दिया गया है। यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रभातफेरी कर लोगों को न्यौता दे रही भाजपा

प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए प्रभातफेरी निकालकर लोगों को न्योता दिया जा रहा है। पूर्व मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में रायपुर में प्रभातफेरी निकालकर पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में लोगों को आने के लिए न्योता दिया जा रहा। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में दल तैयार रहेगा।

सात और आठ को रायपुर समेत यहां पीएम का दौरा

सात और आठ जुलाई को दो दिन के भीतर प्रधानमंत्री चार राज्यों के पांच शहरों में दौरा करेंगे। इनमें रायपुर (छत्तीसगढ़), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), वारंगल (तेलंगाना), बीकानेर (राजस्थान) शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ महतारी और कौशल्य माता के नाम पर रार

भाजपा ने अपने पोस्टर में छत्तीसगढ़ महतारी और कौशल्या धाम का जिक्र किया है। इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब अस्तित्व पर संकट मंडराया तो भाजपा को माता कौशल्या और छत्तीसगढ़ की संस्कृति की याद आई है। भाजपा कार्यालय में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, व्यंजन का दिखना छत्तीसगढ़ियों की जीत है।

यह भूपेश सरकार की सफलता है, जो भाजपा 15 साल तक छत्तीसगढ़ की संस्कृति का विरोध करती थी, आज जय छत्तीसगढ़ का नारा लगाने को मजबूर है। 15 साल के रमन शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के संस्कृति, परंपरा, तीज, त्यौहार को कुचला गया था। माता कौशल्या को भुला दिया गया था।