भोपाल । आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब पूरी तरह सक्रिय हो गई है। पार्टी वर्तमान में अपने कब्जे वाली 96 सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत करने में तो जुटी ही हुई है। वहीं भाजपा के कब्जे वाली 127 सीटों के साथ ही अन्य के कब्जे वाली सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए इन क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने त्रैमासिक कार्ययाजना तैयार की है। इसमें वे हारी हुई सीटों का दौरा करके कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेंगे। साथ ही प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल सहित वरिष्ठ नेता भी अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा करेंगे। कुछ पूर्व मंत्रियों को विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 114 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। बसपा सपा और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से कमल नाथ ने सरकार बनाई थी। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 116 सीट मिलनी चाहिए। पार्टी ने सभी वर्तमान विधायकों को क्षेत्र में मतदाताओं से सीधा संपर्क बनाने और मतदान केंद्र स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कार्ययोजना बनाई है कि जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था वहां कमल नाथ अगले तीन माह में दौरा करेंगे। इस दौरान कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे। उद्देश्य यही है कि माहौल बनाकर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाए। मतदान केंद्र स्तर पर मजबूत टीम खड़ी हो जो भाजपा के संगठन का मुकाबला कर सके। इसके लिए युवा कांग्रेस महिला कांग्रेस सेवादल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग को मतदान केंद्र स्तर पर कार्यकर्ता चिन्हित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
कम मतों से हारी सीटों पर विशेष फोकस
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन सीटों पर 5000 से कम वोट से हारी थी उन पर विशेष फोकस किया जाएगा। ये सीटें हैं-इंदौर पांच जावरा गरोठ बांधवगढ़ जैतपुर धौहनी सिंगरौली देवतालाब अमरपाटन मैहर नागौद जबेरा पथरिया चंदला टीकमगढ़ बीना कोलारस दतिया ग्वालियर ग्रामीण अटेर विजयपुर सारंगपुर और टिमरनी। उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी से एक माह तक गांव-गांव में पार्टी पदयात्रा करेगी। इनमें क्षेत्र के वरिष्ठ नेता तो शामिल होंगे ही प्रदेश पदाधिकारी भी भेजे जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति कार्यकर्ताओं को उत्साहित करती है। वे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं और कार्यकर्ताओं से संवाद करते हैं। निश्चित तौर पर जिन सीटों पर पिछले चुनाव में हमें पराजय का सामना करना पड़ा था उनको लेकर कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के दौरे उन सीटों के साथ पूरे प्रदेश में होंगे। संभागीय स्तर पर सम्मेलन और जनसभा भी होंगी। इनमें प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता भी भाग लेंगे।