महात्मा विदुर महाभारत काल के महान नीतिज्ञ माने जाते हैं इन्हें धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। इन्होंने हमेशा नीतियों और न्याय का पालन किया। इन्होंने अपनी नीतियों में बताया है कि मनुष्य को कोई भी काम शांति और समझदार लोगों की सलाह से करना चाहिए। वहीं भूलकर भी 4 लोगों से सलाह लेने से बचना चाहिए। ये 4 लोग ऐसे हैं जिनसे सलाह लेने पर नुकसान होना तय है। आइए जानें विदुर नीति के अनुसार वो 4 लोग कौन हैं जिनसे सलाह लेने से बचना चाहिए।
जिनकी बुद्धि हो ऐसी
विदुरजी के अनुसार जिन लोगों की बुद्धि कम होती है। उन लोगों से कभी सलाह नहीं लेना चाहिए। इनके अनुसार थोड़ी बुद्धि वाले कभी सही सलाह देने में सक्षम नहीं होते हैं। वो खुद में ही अल्पबुद्धि के हैं तो किसी को क्या सलाह और विमर्श दे पाएंगे। इसलिए ऐसे लोगों से गुप्त विचार विमर्श करने से अपना ही नुकसान होगा। ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे लोग आपकी गुप्त योजनाओं को दूसरों के सामने प्रकट कर सकते हैं।
दीर्घसूत्री व्यक्ति
दीर्घसूत्री व्यक्ति विषयों की गंभीरता समझने की बजाय उस पर इतना मंथन करने लग जाता है कि काम पूरा होने का समय ही निकल जाए। इस तरह की सोच वाले व्यक्ति की सलाह लेने पर काम में सफलता मिलना मुश्किल होता है। विदुरजी बताते हैं कि जो समझदारी से विचार करके परिस्थिति की गंभीरता के समझता हो उसी से सलाह लेने में मनुष्य की भलाई है।
जल्दबाजी में काम करने वाले
किसी काम को जल्दबाजी में निपटाने वाले व्यक्ति से भी कोई सलाह नहीं लेना चाहिए। विदुर नीति के अनुसार जो लोग काम को करने में हड़बड़ाहट मचाते हैं, ध्यान से नहीं करते हैं उनकी सलाह को भी कोई खास प्रमुखता नहीं देनी चाहिए। जल्दबाजी करने वाले मनुष्य से गुप्त सलाह लेना एक नुकसानदायी परिणाम दे सकता है।
चाटुकारिता करने वाले 
विदुर के अनुसार, चापलूसी करने वाले व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। चाटुकार सच को छुपाकर आपको प्रसन्न करने वाली बात कहेगा वह आपकी कमियों को बताने से डरेगा और आप आत्ममुग्ध होकर गलती कर बैठेंगे जिससे आपका नुकसान होना तय है। इसलिए हमें सत्य को  बोलने वाले की सलाह लेनी चाहिए।