बीजिंग। ड्रैगन के हौंसले बुलंद हैं दरअसल चीन ने अपने चौथे एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए पायलट ट्रेनिंग की तैयारी शुरू कर दी है। चीन के इस प्रयास से अमेरिका तनाव में आ गया है। नई सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से रक्षा विशेषज्ञों ने यह दावा किया है। पिछले साल आई सैटेलाइट तस्वीरों में चीन के तीसरे और सबसे बड़े कैरियर टाइप 003 को देखा गया था जिसका परीक्षण जल्द ही किया जा सकता है। हालांकि टाइप 004 का काम शुरू हुआ है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। चीन अपनी सेना को 'युद्ध' के लिए तैयार करने का दावा करता है। चीनी नौसेना में पहले से ही स्की जंप वाले दो एयरक्राफ्ट कैरियर शामिल हैं।
खबरों के अनुसार मार्च की सैटेलाइट तस्वीरों में लियाओनिंग प्रांत में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एयरबेस में कई जे-15 कैरियर बेस्ड लड़ाकू विमानों के साथ दो एफसी-31 गिरफॉल्कन स्टील्थ लड़ाकू विमानों को देखा गया था। यह इन दो विमानों की पहली तस्वीर थी। पांचवी जेनेरेशन के स्टील्थ विमान एफसी-31, जे-15 की तुलना में छोटे होते हैं। चीन ने अपने सबसे बड़े कैरियर टाइप 003 का निर्माण 2018 में शुरू किया था। एक साथ खड़े इन लड़ाकू विमानों की तस्वीर यह संकेत दे रही है कि चीन के मौजूदा कैरियर लिओनिंग और शेडोंग से उड़ान भरने वाले 'फ्लाइंग शार्क' लड़ाकू विमान जे-15 के बाद एफसी-31 भी अब जहाज से उड़ाने वाला लड़ाकू विमना बन सकता है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बेस पर एफसी-31 और जे-15 की संयुक्त मौजूदगी इस बात का संकेत हो सकती है कि चीन चौथे एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए परिचालन तैयारी कर रहा है।
माना जा रहा है कि चीन इस साल के आखिर में टाइप 003 का परीक्षण कर सकता है। चीन का लक्ष्य 2030 तक चार एयरक्राफ्ट कैरियर बनाकर अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आधुनिक नौसेना बनने का है। लिओनिंग और शेडोंग की तरह टाइप 003 एयरक्राफ्ट कैरियर भी एक पारंपरिक डीजल से चलने वाला प्लेटफॉर्म है। जबकि चीन के चौथे कैरियर के परमाणु रिएक्टरों से लैस होने की उम्मीद है।