नई दिल्ली । इस सप्ताह वैश्विक रुझान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह बात कही है। पिछले सप्ताह शेयर बाजारों में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट आई। बाजार के ‎विश्लेषकों ने कहा ‎कि इस सप्ताह सितंबर माह के वायदा और विकल्प (एफएंडओ) अनुबंधों का निपटान है। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, डॉलर सूचकांक की मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा ‎कि इसके अलावा वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुझान, कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल, एफआईआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की गतिविधियां भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगी। एक अन्य ‎‎‎विश्लेषक ने कहा ‎कि इस सप्ताह बाजार अमेरिका और ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और यूरो क्षेत्र के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से भी दिशा लेगा। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,829.48 अंक के नुकसान में रहा, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 518.1 अंक टूटा। हालांकि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी हालिया बैठक में प्रमुख ब्याज दर में बदलाव नहीं किया है, लेकिन उसने आगे सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया है। इसके अलावा कच्चे तेल के दाम भी उच्चस्तर पर हैं। इन कारकों से बाजार का रुख नकारात्मक रहा है