भोपाल । भीषण गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार डाउ केमिकल्स (यूनियन कार्बाइड) कंपनी के मामले की सुनवाई भोपाल जिला अदालत में शनिवार को की गई। सुनवाई के दौरान डाउ केमीकल कंपनी के वरिष्ठ अधिवक्ता ने तर्क किया कि इस न्यायालय का क्षेत्राधिकार न होने पर आगामी स्तर पर तर्क करना चाहते है। इस पर भोपाल ग्रुप फोर इन्फोरमेशन एवं एक्शन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अवी सिंह ने आपत्ति जताई कि न्यायालय को क्षेत्राधिकार होना या न होना उच्च न्यायालय ने एमसीआरसी 1377/2005 के आदेश दिनांक 19/10/12 में निर्णय कर दिया गया था। इस संबंध में पृथक से तर्क की आवश्यकता नहीं है। जिस पर न्यायालय ने अपने आदेश में लिखा के प्रकरण में सुगम एवं ऋजु कार्यवाही हेतु न्यायालय द्वारा यह सर्वप्रथम पक्षकारों को यह निर्देशित किया जाता है कि आगामी दिनांक पर उपरोक्त बिंदु पर तर्क प्रस्तुत करें । लिखित रूप से तर्क होने पर उनके लिखित जवाब हेतु समय नहीं दिया जायेगा एवं बिंदु पर तर्क श्रवण किये जा सकेंगे। पिछली सुनवाई में भी डाउ केमिकल कंपनी के अधिवक्ता की ओर से उपस्थिति पत्रक व आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किया गया। गैस त्रासदी के बाद उक्त घटना को लेकर आपराधिक प्रकरण 304-ए के अंतर्गत दर्ज किया था। इसमें यूनियन कार्बाइड यूएस को आरोपी बनाया था। हालांकि उक्त कंपनी के प्रतिनिधि या उसकी ओर से कोई भी अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए थे। तब न्यायालय ने उसे फरार घोषित किया था। बता दें कि सीबीआई और भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन व गैस पीड़ित संगठनों ने एक आवेदन न्यायालय में पेश किया था जिसमें बताया था की यूनियन कार्बाइड यूएस को द डाउ केमिकल कंपनी ने खरीद लिया था और अब उसका नया नाम द डाउ केमिकल कंपनी हो गया है, इसीलिए केस में उसे आरोपी बनाया जाना चाहिए।