भोपाल ।  मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होने के अनुमान है। साथ ही गरज-चमक के साथ बिजली भी गिर सकती है। प्रदेश में एक बार पुन: रुक-रुककर बारिश होने का दौर शुरु हो गया है। बीती रात को भोपाल और इंदौर में झमाझम बारिश हुई। गरजचमक के साथ हुई बारिश के बाद शहर के कई इलाकें की सड़कें लबालब हो गईं। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि छह अगस्त को ओड़ीशा के पास निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना बनी हुई है। इसके बाद प्रदेश भर में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है।ऐसा अनुमान है कि यह स्थिति लगभग एक हफ्ते तक बनी रहेगी। पूर्व मौसम विज्ञानी पीके साहा के अनुसार गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक ग्वालियर में 51.2, पचमढ़ी में 14, गुना व खंडवा में चार, नर्मदापुरम, भोपाल, उमरिया में तीन, सिवनी, बैतूल में दो, सागर में 0.6 व जबलपुर में 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। साहा के अनुसार, शुक्रवार व शनिवार को रीवा एवं शहडोल के जिलों में, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, रायसेन, अलीराजपुर, बैतूल, बुरहानपुर, धार, खरगोन, झाबुआ एवं बड़वानी जिलों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है। वहीं शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में पन्ना, सतना, जबलपुर, कटनी, बालाघाट, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, खरगौन, खंडवा, धार में गरज के साथ बिजली चमकने, गिरने की संभावना भी है, इसलिए लोग विशेष सावधानी बरतें।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान समय में पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 किमी व 3.1 किमी की ऊंचाई के मध्य सक्रिय है, जबकि पश्चिमी विक्षोभ मध्य पाकिस्तान के आसपास संयुग्मित ट्रफ के साथ चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में अवस्थित है। इसके साथ ही मानसून ट्रफ बीकानेर-कोटा से लेकर गुना-जबलपुर और रायपुर-भुवनेश्वर होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। इधर आंध्र प्रदेश तट के पास पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय परिसंचरण और दक्षिणी पठारी क्षेत्र में 11 डिग्री उत्तर अक्षांश के सहारे विरूपक हवाएं भी सक्रिय हैं।इन सभी मौसम प्रणालियों की वजह से मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षा हो रही है।