भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिये जन-जागरूकता बढ़ाएँ। स्वास्थ्य विभाग नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं अन्य संबंधित विभागों से समन्वय कर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया पर नियंत्रण के लिये कारगर पहल करें। ऐसे स्पॉट जहाँ पर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के मरीज मिल रहे हैं उनको हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित कर बीमारी नियंत्रण के कारगर उपाय करें। मंत्री डॉ. चौधरी सोमवार को मंत्रालय में राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की स्टेट टॉस्क फोर्स को संबोधित कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में मच्छरों के होने की जानकारी प्राप्त हो, वहाँ मच्छर-नाशक दवाई का छिड़काव और फॉगिंग करें। नागरिकों को समझाइश दी जाये कि अधिक समय तक पानी के जमा रहने पर मच्छर पनपते हैं। घर के आसपास रखे बर्तनों, कूलर, गमले आदि में पानी को जमा नहीं रहने दें। तालाब में मच्छरों को रोकने के लिये गंबूशिया मछली डाली जायें। गंबूशिया मछली मच्छरों के लार्वा को खाकर मच्छर बढ़ने से रोकती है।

अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि विभागीय अधिकारी अन्य संबंधित विभागों से समन्वय कर वैक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम पर कारगर पहल करें। वर्ष 2030 तक मलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि मलेरिया बीमारी के प्रकरणों में वर्ष 2015 से लगातार कमी आ रही है। शाजापुर, हरदा, आगर-मालवा और टीकमगढ़ में वर्ष 2022 में मलेरिया का एक भी प्रकरण नहीं पाया गया। प्रदेश में मलेरिया की रोकथाम के प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। बैठक में एमडी एनएचएम प्रियंका दास, आयुक्त नगरीय विकास भरत यादव सहित टॉस्क फोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित थे।