इंदौर ।     मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित वेदलक्षणा गोश्रद्धा महामहोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। आयोजन के लिए लालबाग परिसर में कई बड़े डोम बनाकर परिसर को भारतीय पद्धति से सजाया गया है। इसकी भव्यता व पवित्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी भी डोम, कुटिया, यज्ञशाला में कोई भी सामान पुराना या पहले इस्तेमाल हो चुका, प्रयोग में नहीं लाया गया है।

एक डोम में ठेकेदार ने कुछ बल्लियां पुरानी लगा दी थीं। इसकी जानकारी जैसे ही आयोजन के प्रमुख गोसंत गोपालानंद सरस्वती जी को लगी, उन्होंने ठेकेदार को फटकार लगाई और सारी बल्लियों को बदलवाने का आदेश दिया। इन बल्लियों को बदलवाने में भले ही चार दिन का समय लगा, पर आयोजन की भव्यता और पवित्रता से स्वामी जी ने किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया।

नगर अध्यक्ष, विधायक और सांसद की आस

इंदौर में भाजपा के नगर अध्यक्ष और चुनाव का गहरा नाता है। इतिहास देखें तो वर्तमान सांसद के साथ दो विधायक भी नगर अध्यक्ष पद के बाद ही इन पदों पर पहुंचे। इंदौर में जो नेता भाजपा का नगर अध्यक्ष बनता है, वह मानकर चलता है कि उसकी राजनीति अब चमकेगी। हालांकि कुछ अपवाद भी रहे हैं। बीते 20 वर्षों में भाजपा के आठ नगर अध्यक्ष रहे। इनमें से पांच को विधायक, सांसद का टिकट भी मिला और चार ने चुनाव भी जीता। महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, सुदर्शन गुप्ता को तो नगर अध्यक्ष रहते हुए टिकट मिला। इसी परंपरा को आगे बढ़ाने की आस में वर्तमान भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी इस बार कई सीटों से दावेदारी कर रहे हैं।

इसीलिए चुनावी मैनेजमेंट गुरु कहा जाता है दो नंबरियों को

एक नंबर विधानसभा सीट से टिकट मिलने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मैदान संभाल लिया है। दो नंबरियों के बारे में कहा जाता है कि वो चुनाव लड़ रहे हों या किसी को लड़वा रहे हैं, उसके लिए पूरा दम-खम लगा देते हैं। अब यही दम-खम एक नंबर क्षेत्र में भी नजर आ रहा है। दो नंबरियों को चुनाव मैनेजमेंट का महारथी माना जाता है।

अब एक नंबर में दो नंबर के सर्वेसर्वा ही मैदान में उतर गए हैं, तो उनके लिए तो पूरी टीम मैदान में पलक-पावड़े बिछाकर तैनात होनी ही थी। विजयवर्गीय ने एक दिन पूर्व लक्ष्मीबाई स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की घोषणा की थी और अगले दिन वहां रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का दौरा भी करवा दिया। अब कहने वाले कह रहे हैं कि इसीलिए ही तो दो नंबरी मैनेजमेट के गुरु हैं।

भाई-भाई और बाप-बेटी में उलझी कांग्रेस की सूची

कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची नवरात्र में घोषित होने की बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं, लेकिन यह सूची गुटबाजी और परिवारवाद में फंसती नजर आ रही है। पिछले दिनों जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इंदौर आए थे तो उनसे कई दावेदार मिलने पहुंचे थे। तीन नंबर के एक दावेदार को उन्होंने यहां तक कह दिया था कि पहले घर के झगड़े खत्म कर लो फिर टिकट की बात करना।

दरअसल, इंदौर की तीन नंबर विधानसभा से पूर्व विधायक अश्विन जोशी के साथ ही उनके भाई पिंटू जोशी भी दावेदारी कर रहे हैं। चचेरे भाइयों का विवाद कांग्रेस के कई कार्यक्रमों में सामने आ चुका है। ऐसे ही हालात सांवेर में भी पिता प्रेमचंद गुड्डू और उनकी बेटी रीना बौरासी के बीच में हैं। वहां से भी ये दोनों दावेदारी कर रहे हैं। इसी कारण इंदौर में कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पा रही है।