कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 24 घंटे पहले यानी मंगलवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शोभा करंदलाजे को जय श्री राम के नारे लगाते देखा गया। वहीं विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्य जब बेंगलुरु के विजय नगर में हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे तो चुनाव आयोग की एक टीम ने रोक दिया।चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने वीएचपी सदस्यों से विजयनगर में एक मंदिर के बाहर 'हनुमान चालीसा' का पाठ रोकने को कहा।

जब सदस्यों ने हंगामा करना शुरू किया तो आयोग ने कर्नाटक चुनाव के लिए क्षेत्र में धारा 144 सीआरपीसी लगे होने का हवाला दिया। आयोग की टीम ने कहा कि पांच से अधिक लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं है। अगर कार्यक्रम जारी रखा तो कार्रवाई की जाएगी।वहीं, वीएचपी के सदस्य अभिषेक ने बताया कि उन्हें और संगठन के अन्य सदस्यों को हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि हमें धारा 144 होने का हवाला दिया गया, लेकिन हम किसी पार्टी का प्रचार नहीं कर रहे थे, जो हमें रोका गया। एक बजरंग भक्त को हनुमान चालीसा से रोकने का मतलब समझ नहीं आया।

दरअसल, कर्नाटक चुनाव में 'बजरंग बली' का नाम उस समय उठा, जब कांग्रेस ने पिछले हफ्ते जारी किए गए अपने घोषणापत्र में कहा था कि राज्य में सरकार में आते ही वह बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए बैन लगाएगी। इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़ते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था।