नई दिल्ली । दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को बताया कि सर्दी के मौसम में पटाखों से होने वाले प्रदूषण से दिल्ली की हवा काफी प्रदूषित हो जाती है और यह प्रदूषण बच्चों एवं बुजुर्ग के लिए बहुत ही घातक होता है। इसीलिए सभी तरह के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिलीवरी सहित) और पटाखों को जलाने पर सरकार द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।  इस सम्बन्ध में डीपीसीसी  को  सभी सम्बन्धित विभागों को जरूरी निर्देश जारी करने का निर्देश दिया गया है । जिस प्रकार दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंद्ध लगाने का निर्देश दिया गया है, उसी प्रकार एनसीआर के राज्यों में प्रतिबंद्ध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि एनसीआर में छोड़े गए पटाखों का दुष्प्रभाव दिल्ली की हवा पर पड़ता है। 
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। जनवरी से लेकर अगस्त के महीने तक दिल्ली का औसत एक्यूआई काफी कम रहा है। रविवार को दिल्ली में एक्यूआई 45 रिकॉर्ड किया गया। लेकिन धीरे-धीरे अक्टूबर के महीने में सर्दी बढ़ने के साथ दिल्ली के वातावरण में नमी आती है और यहां के पार्टिकल मैटर जमा होने शुरू होते हैं। इसमें दिल्ली के बाहर और दिल्ली के अंदर का प्रदूषण हवा को प्रदूषित बना देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2018 में केवल  ग्रीन पटाखे के निर्माण और बेचने की इजाजत दी थी। लेकिन 2019 में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए 1 दिसम्बर 2020 को एनजीटी ने एक्यूआई पूअर कैटेगरी में होने पर सभी तरह के पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। इसी आधार पर डीपीसीसी ने 2021 में पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। 2022 में भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया और इस साल भी सभी तरह के पटाखे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। 
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम से पिछले 9 सालों में पीएम 10 में 42 प्रतिशत  और पीएम 2.5 में 46 प्रतिशत की कमी आई है। सर्दी के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार सभी सम्बंधित विभागों के साथ मिलकर विंटर एक्शन प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। विंटर एक्शन प्लान को लेकर मंगलवार को “एनवायरमेंटल एक्सपर्ट मीट” का आयोजन किया जा रहा है। इसमें एक्सपर्ट द्वारा दिए गए सुझाव को विंटर एक्शन प्लान में शामिल किया जाएगा। इस “एनवायरमेंट एक्सपर्ट मीट” में मुख्य रूप से 24 संस्थाएं शामिल होंगी। इसमें सीएसई ,  काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर,इंटरनेशनल काउंसिल फार क्लीन ट्रांसपोटेशन, आर एम आई इंडिया, एनवायरमेंट डिफेंस फंड, यूएनईपी , आई आई टी दिल्ली एवं कानपुर, एएसएआर सोशल इम्पेक्ट एडवाइजर, एयर पालूशन एक्शन ग्रुप, टेरी , लीड एयर क्वालिटी एंड रिसाइलेशन , क्लाईमेंट ग्रुप,  क्लाईमेंट ट्रेंड , केयर फार एयर,  क्लामेट वर्क फाउंडेशन,  शक्ति ससटेनेबल एनर्जी फाउंडेशन, ओ आर एफ, सी एस टी ई पी,  डब्लू आर आई , जी आई जेड, इंडिया, आई फारेस्ट, सी 40 , एपिक इंडिया और  क्लीन एयर एशिया समेत अन्य शामिल हैं।

मंत्री गोपाल राय ने  बताया कि 14 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर विंटर एक्शन प्लान के लिए तय फोकस बिंदुओं पर संयुक्त कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर कई प्रमुख एजेन्सिया कार्यरत है,जिनकी अलग-अलग भूमिका होती है | इन सभी 28 विभागों के साथ संयुक्त बैठक 14 सितम्बर को आयोजित करने का निर्णय  लिया गया है।  इस बैठक में एन डी एम सी ,एन एच ए आई, डी डी ए, रेवेन्यू विभाग, एम सी डी, डी पी सी सी , जल बोर्ड, ट्रांसपोर्ट, विकास  विभाग , पी डब्लू डी , एजुकेशन डिपार्टमेंट ,इंडस्ट्री डिपार्टमेंट ,  फारेस्ट एंड वाईल्ड लाईफ डिपार्टमेंट,  बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई विभाग, पावर विभाग, जीएडी,  यूडी,  डीएसआईआईडीसी, डीटीसी,  डीएम एलआरसी, सीपीडब्लूडी,  दिल्ली कंटोंमेंट बोर्ड,  दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, अर्बन सेल्टर इम्प्रूभमेंट बोर्ड,  दिल्ली फायर सर्विस,  हार्टिकल्चर विभाग,  डीआई एम टी एस (डिमट्स) आदि विभागों के उच्च अधिकारी शामिल होंगे। 14 सितम्बर को होने वाली बैठक में अलग अलग विभागों को विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किये गए फोकस बिंदुओं के आधार पर विशिष्ट कार्य सौपे जाएंगे।  जिसके अनुरूप दिल्ली सरकार इस वर्ष का विंटर एक्शन प्लान तैयार करेगी।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंद्ध लगाने का निर्देश दिया गया है उसी प्रकार एनसीआर के राज्यों में प्रतिबंद्ध लगाया जाना चाहिए। क्योंकि एनसीआर में छोड़े गए पटाखों का दुष्प्रभाव दिल्ली की हवा पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिंदगी को बचाना भी जरूरी है और त्योहार मनाना जरूरी है। दिल्ली के अंदर पटाखों के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा। इस मुहिम में रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) , पर्यावरण मित्र और ईको क्लब सहित सभी दिल्लीवासियों को शामिल किया जाएगा।  प्रत्येक व्यक्ति को अपने हिस्से के प्रदूषण को कम करने का प्रयास करना होगा। इसके लिए पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।