नई दिल्ली| कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खड़गे ने महासचिव, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे अध्यक्ष बनने के बाद महासचिवों, पीसीसी अध्यक्षों एवं सीएलपी नेताओं के साथ मेरी यह पहली औपचारिक मीटिंग है।

खड़गे ने कहा कि यह बैठक 'हाथ से जोड़ो हाथ' अभियान के संबंध में बुलाई गई है। आज ही संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ। जनता के मुद्दों को हम लोगों ने अपने स्तर पर उठाने का सभी संभव प्रयास किया। हमने अन्य 18 विपक्षी दलों को साथ लेकर चीन की घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जनता के महत्व के विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातों को रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए थी। और बहस कराना चाहिए था। हमने ये भी कहा कि नियम से अलग कुछ बातें संसदीय अग्रता की भी होती हैं, परन्तु ना तो नियम को माना गया और ना ही अग्रता को माना गया है।

आगे खड़गे ने कहा कि हमने संसद के कामकाज में सुचारू संचालन में सहयोग दिया, और उसमें कोई रुकावट नहीं आने दी। पिछले सत्रों में सरकार हमें संसद नहीं चलने देने के लिए जि़म्मेदार ठहराती रही है। क्योंकि जनता के मुद्दों को लेकर हमारे साथी अड़ जाते थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने हाल ही में बड़े स्तर पर डिजिटल मेम्बरशिप की है, जिसमें करीब 2.6 करोड़ लोग कांग्रेस के सदस्य बने हैं। इसी प्रक्रिया में लगभग 9800 पीसीसी डिलीगेट्स बने थे। जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लिया था। हमें अपने पीसीसी डिलेगेट्स और डिजिटल सदस्यों को हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिये।

"राहुल गांधी की इस मेहनत ने लोगों में जागरूकता पैदा की है। हमें उसे अगले मुकाम पर ले कर जाना है। हमें जनता से संवाद जारी रखना है। उन्हें निरन्तर अपने साथ जोड़े रखना है। 'हाथ से जोड़ो हाथ' अभियान उसी का हिस्सा है। कर्नाटक राज्य में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान एक जनवरी से ही शुरू हो रहा है। वहां हम ऐसे डोर टू डोर कैंपेन को पायलट अभ्यास के रूप में शुरू कर सकते हैं। जिसे 26 जनवरी के बाद सभी राज्यों में लागू किया जा सकता है।"