नई दिल्ली । श्रीनगर में होने वाली जी-20 की बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद उत्पन्न हो गया है। कयास लगाया जा रहा है, कि कुछ देश इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। जम्मू कश्मीर में बैठक को लेकर जिस तरह का विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन गया है। उसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी यह संभावना बनने लगी है, कि बैठक में कुछ देश अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे। 
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने, भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है। उसके बाद से एक नया विवाद शुरू हो गया है। भारत ने अमेरिका की रिपोर्ट को खारिज किया है। भारत सरकार का कहना है,कि वह जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत को देश के किसी भी हिस्से में बैठक की मेजबानी करने का उसे विशेषाधिकार प्राप्त है। जी-20 की बैठक जम्मू कश्मीर में आयोजित करना, भारत के अल्पसंख्यकों और कश्मीरी मुसलमानों के मानव अधिकार से जोड़ना गलत है। 
श्रीनगर में 22 से 24 मई तक टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक होगी। इसके लिए विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित किया गया है। बीएसएफ का सुरक्षा बल बॉर्डर पर लगातार गश्त कर रहा है। सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम काफी कड़े कर दिए गए हैं। 
जी-20 की बैठक को लेकर जिस तरह का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद बना है। उसके बाद यह संभावना व्यक्त की जा रही है,कि कुछ देशों के प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर की बैठक में शामिल होने से बच सकते हैं।