भोपाल । सावन में भले ही बादल छाए हों। घंटों लगातार बारिश हो रही हो, लेकिन आंकड़ा मिमी में ही दर्ज हो रहा है। वजह अब मानसून कमजोर होता जा रहा है। जुलाई खत्म होने में चार दिन शेष हैं। इन दिनों में भी तेज बारिश की उम्मीद नहीं है। शहर में कहीं-कहीं 5 से 10 मिनट के लिए हलकी फुहारे गिर सकती हैं। धूप नहीं निकलने, फुहारे गिरने और हवा चलने से तापमान भी कम रिकॉर्ड हो रहा है। अलसुबह और रात में वातावरण में काफी ठंडक महसूस हो रही है।
प्रदेश के अधिकांश शहरों में बुधवार से भारी बारिश से राहत मिलना शुरू हो जाएगी, लेकिन भोपाल में अगले 24 घंटे तक तेज बारिश होने का पूर्वानुमान है। राजधानी में 20 जून से बारिश शुरू हुई थी। अब तक करीब 32 इंच बारिश हो चुकी है। यह कोटे से दो गुना है। भोपाल में अब तक 16 इंच पानी गिरना चाहिए। मौसम विभाग के अनुसार भोपाल के अलावा सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा में बारिश होगी। गुरुवार से इन इलाकों में तेज बारिश में कमी आएगी। भरपूर बारिश की वजह से भदभदा, कलियासोत और कोलार तक के गेट खोलना पड़ गए। केरवा डैम का फुल टैंक लेवल 1673 फीट है। इस बार यह डैम 1669.29 तक भर चुका है, यानी फुल भराने में डैम अभी भी साढ़े 3 फीट तक खाली है। इतना पानी आने के बाद ही डैम के गेट ऑटोमेटिक खुल जाएंगे।
सीहोर जिले में दो सप्ताह से तेज बारिश हो रही है। यहां से आने वाली कोलांश नदी बड़ा तालाब को भरती है। बड़ा तालाब का फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। यह फुल हो चुका है। तीन दिन पहले भदभदा के गेट खोले गए। भदभदा डैम के सभी 11 गेट खोलने पड़े। अभी भी दो गेट खुले हुए हैं। भदभदा से छोड़ा गया पानी कलियासोत डैम में पहुंचा। इसके भी सभी 13 गेट खोल दिए गए। वर्तमान में पांच से छह गेट खुले हैं। दूसरी ओर, केरवा डैम के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश नहीं हुई। इस कारण यह अब तक पूरी तरह से नहीं भर पाया।