मास्को । रूस में कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक अधिक संक्रामक स्ट्रेन मिला है। रूस के नेशनल कंज्यूमर हेल्थ वॉचडॉग ने यह जानकारी दी है। रोस्पोट्रेबनादजोर में सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर एपिडेमियोलॉजी में जीनोम रिसर्च के प्रमुख कामिल खफीजोव ने बताया कि 2 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं ने बीए.4 सबलाइन के वायरल जीनोम को वीजीएरस डेटाबेस में फीड किया है। जांच के लिए ये दोनों नमूने मई के अंत में लिए गए थे। रूसी साइंटिस्ट ने बताया कि रूस में सामने आ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के 95 प्रतिशत नए मामलों के लिए बीए.2 सबवेरिएंट जिम्मेदार है।
कामिल खफीजोव ने कहा हाल ही में प्रकाशित कई अध्ययनों से पता चला है कि वेरिएंट, जिन्हें बीए.4 और बीए.5 के रूप में जाना जाता है, ओमिक्रॉन के शुरुआती रूपों की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने मई में चेतावनी दी थी कि बीए.4 और बीए.5 के ओमिक्रॉन सबलाइनेज गैर-टीकाकरण वाले देशों में इस बीमारी को बढ़ा रहे हैं, हालांकि ओमिक्रॉन का बीए.2 सबवेरिएंट दुनिया भर में अब भी कोरोना संक्रमण की प्रमुख वज​ह बना हुआ है।
भारत में भी ओमिक्रॉन के बीए।4 और बीए।5 सब-वेरिएंट से संक्रमण की पुष्टि कुछ दिन पहले हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए काम कर रहे इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) ने भारत में ओमिक्रॉन सबवेरिएंट बीए।4 और बीए।5 के संक्रमण की पुष्टि की थी। जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान तमिलनाडु की एक 19 वर्षीय युवती में भारत के पहले बीए।4 सब-वेरिएंट का पता चला था, वहीं तेलंगाना के एक 80 वर्षीय पुरुष में पहले बीए।5 का मामला सामने आया था। इन 2 सब-वेरिएंट्स से संक्रमण के मामले सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका और कुछ यूरोपीय देशों में रिपोर्ट किए गए। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है या जिन तक उचित स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच नहीं है, उनमें इन वेरिएंट्स की संक्रामकता अधिक हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के नए सब-वेरिएंट मूल ओमिक्रॉन स्ट्रेन बीए.2 की तुलना में अधिक गंभीर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं, हालांकि म्यूटेशन के साथ इनकी संक्रामक दर जरूर अधिक बनी हुई है।