भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं के व्यक्तित्व को परिष्कृत करने में मददगार है। उचित और योग्य मार्गदर्शन से युवाओं में लगातार नई ऊर्जा का संचार होता है। मंत्री डॉ. यादव सोमवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 12वें राज्य स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य सामाजिक सेवा के जरिये छात्रों के व्यक्तित्व का विकास करना है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार हमेशा प्रेरित करते हैं। सामुदायिक सेवा एक जिम्मेदारी है, इससे विद्यार्थियों में राष्ट्र निर्माण में भागीदारी की भावना विकसित होती है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत स्वयं-सेवकों को बधाई देते हुए कहा कि अब एनएसएस के दायरे को और बढ़ाना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए विभिन्न नये पाठ्यक्रमों से भी एनएसएस जुड़े। जैविक खेती, जल संरचनाओं के निर्माण, नि:शक्तजनों की सेवा आदि की मदद करने के लिए राष्ट्रीय सेवक सेतु का कार्य करें।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोरोना काल के कठिन समय में भी एनएसएस के छात्रों ने लगातार समाज सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष से राज्य स्तरीय पुरस्कारों की संख्या को 18 से बढ़ाकर 20 किया गया है और स्वयं- सेवक स्तर पर विद्यार्थियों को दी जाने वाली 11 हजार रूपये की राशि को बढ़ाकर 21 हजार रूपये किया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने तीन वर्ष 2018-19, 2019-20 तथा 2020-21 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 98 वालेन्टर्स, जिला संगठक तथा जिला कार्यक्रम अधिकारियों को राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। इसमें 22 प्रिंसिपल को भी पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.जे. राव, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. विजय कुमार सी.जी. उपस्थित थे।