नईदिल्ली । भारतीय वायु सेना के अत्याधु‎निक परिवहन विमान सी-295 की कार्यप्रणाली वायु सेना दिवस पर प्रद‎र्शित करने की संभावना है। भारतीय वायुसेना वडोदरा हवाई अड्डे पर सी-295 एयरलिफ्टर्स का अपना पहला स्क्वाड्रन तैनात करेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सी-295 चीन के साथ विवादित सीमा के अग्रिम क्षेत्रों में मिशन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वायुसेना की लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को बढ़ावा देगा जो 1960 के दशक की शुरुआत में सेवा में आए एवरो परिवहन विमान के पुराने बेड़े की जगह लेगा। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ने 13 सितंबर को स्पेन के सेविले में भारतीय वायुसेना को उसका पहला सी-295 विमान सौंप दिया। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने एयरबस के सैन पाब्लो साइट पर आयोजित एक समारोह में पहले सी-295 विमान की डिलीवरी ली।
उल्लेखनीय है कि यह विमान भारतीय वायुसेना के परिवहन बेड़े को अपग्रेड करने के लिए 21,935 करोड़ के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसे औपचारिक रूप से 25 सितंबर को हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। आगामी 8 अक्टूबर को जब भारतीय वायुसेना 91वें सालगिरह का जश्न मनाएगा तब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाले वायु सेना दिवस परेड में सी-295 के प्रदर्शन की संभावना है।
इससे पहले वायु सेना दिवस परेड पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ही आयोजित होता था। वर्ष 2021 तक गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस एयरफोर्स डे आयोजन का केंद्र हुआ करता था। तीनों सेनाओं ने पिछले ही साल अपने प्रमुख समारोह देश के अन्य हिस्सों में आयोजित करने की नई परंपरा शुरू की। पिछला वायुसेना दिवस चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था। सी-295 का पहला स्क्वाड्रन वडोदरा में बनाया जाएगा, क्योंकि भारतीय वायुसेना चाहती है कि विमानों का शुरुआती बैच प्रोडक्शन फैसिलिटी के पास ही स्थित हो। सी-295 के एक स्क्वाड्रन में 10 से 12 विमान होंगे। बता दें कि टाटा और एयरबस के बीच हुए मेक इन इंडिया समझौते के तहत सी-295 विमानों की प्रोडक्शन फैसिलिटी वडोदरा में बनाई गई है।
उल्लेखनीय है ‎कि रक्षा मंत्रालय द्वारा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 56 सी-295 विमानों के लिए एयरबस के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 2 साल बाद पहले विमान की डिलीवरी हुई है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस जॉइंट वेंचर के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे। यूरोपीय विमान निर्माता 16 सी-295 विमानों को रेडी-टू-फ्लाई कंडीशन में भारतीय वायुसेना को डिलीवर करेगा, जबकि बाकी 40 विमानों की असेम्बलिंग वडोदरा स्थित टाटा फैसिलिटी में होगी. भारतीय वायुसेना का दूसरा सी-295 सेविले में फाइनल असेंबली में है, और मई 2024 में डिलीवर किया जाएग। एयरबस 16 फ्लाईअवे विमानों में से अंतिम को अगस्त 2025 तक भारतीय वायुसेना को सौंप देगा। जबकि पहला ‘भारत में निर्मित’ सी-295 सितंबर 2026 में वडोदरा फैसिलिटी से बाहर आएगा और शेष 39 अगस्त 2031 तक आएंगे।
इन विमानों के कम्पोनेंट्स का उत्पादन हैदराबाद में टाटा द्वारा स्थापित सी-295 के मेन कंपोनेंट असेंबली में पहले ही शुरू हो चुका है, जबकि वडोदरा में फाइनल असेंबली लाइन नवंबर 2024 में चालू हो जाएगी। हैदराबाद फैसिलिटी सी-295 के कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिनका उपयोग वडोदरा स्थित फैसिलिटी में एयरक्राफ्ट की फाइनल असेम्बलिंग में किया जाएगा। अक्टूबर 2022 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडोदरा फैसिलिटी की आधारशिला रखी थी। सी-295 भारत में किसी निजी कंसोर्टियम द्वारा निर्मित किया जाने वाला पहला सैन्य विमान होगा। वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने बताया ‎कि पहले C-295 विमान की डिलीवरी एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें 40 विमानों का निर्माण ‎किया जायेगा। हम पूरी तरह से भारत में सैन्य विमान का निर्माण करेंगे।