आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे व्यक्तिगत ग्राहकों को केवाईसी की सुविधा बैंक शाखा में जाए बिना, विभिन्न नॉन फेस-टू-फेस चैनल्स जैसे ईमेल-आईडी, मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (ऑनलाइन बैंकिंग/इंटरनेट बैंकिंग), पत्र आदि के माध्यम से प्रदान करें।
बैंक के ग्राहक अब घर बैठे केवाईसी यानी कागजातों को अपने खाते में अपडेट कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि किसी भी बदलाव पर ग्राहक स्व-घोषणा बैंक को दे सकते हैं। बैंकों को कहा गया है कि वे इस घोषणा को ही मंजूर करें।

केवाईसी के लिए कागजात 
आरबीआई ने कहा, बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे समय-समय पर समीक्षा करके रिकॉर्ड को सही रखें, इसलिए ग्राहकों को कुछ मामलों में नई केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना पड़ सकता है। इन मामलों में बैंक रिकॉर्ड में उपलब्ध व आधिकारिक रूप से वैध केवाईसी दस्तावेज की वर्तमान सूची के अनुरूप नहीं होना या फिर पहले जमा किए गए केवाईसी की वैधता अवधि समाप्त होना शामिल है। केवाईसी कागजात में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार संख्या होने का प्रमाण, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा जॉब कार्ड आदि शामिल हैं।

नई केवाईसी प्रक्रिया दो तरीके से कर सकते हैं
नई केवाईसी प्रक्रिया को बैंक शाखा में जाकर, या वीडियो आधारित कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया (वी-सीआईपी) के माध्यम से कहीं से भी पूरा किया जा सकता है। वी-सीआईपी की सुविधा केवल उन्हीं बैंकों में उपलब्ध हो सकेगी, जिन्होंने इसे इनेबल किया हुआ है।
आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे व्यक्तिगत ग्राहकों को इस तरह की सुविधा बैंक शाखा में जाए बिना, विभिन्न नॉन फेस-टू-फेस चैनल्स जैसे ईमेल-आईडी, मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल (ऑनलाइन बैंकिंग/ इंटरनेट बैंकिंग/ मोबाइल एप) या पत्र आदि के माध्यम से प्रदान करें। अगर केवल पते में बदलाव होता है तो ग्राहक उपरोक्त किसी भी चैनल के जरिए संशोधित पता दे सकते हैं। बैंक दो माह में पते का सत्यापन करेगा।