बिलासपुर ।  लोरमी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को बाहरी बताते हुए मुंगेली जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बगावत कर दी है।  जिला अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारी ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी को अपना इस्तीफा भेजा है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव के विरोध में अनुसूचित जाति के लोगों ने निर्णय लिया है कि उनके समाज से किसी को प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो  उसका समर्थन करेंगे मगर भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे। इधर कांग्रेस और भाजपा से नाराज चल रहे कुछ पदाधिकारी ने अपने  बीच  से निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा कर उसका समर्थन किए जाने का ऐलान किया है ।इस तरह लोरमी में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है ।
लोरमी विधानसभा से अधिकांश चुनाव में बाहरी प्रत्याशियो को थोपा गया है ।इस बार यहां के लोगो का आरोप है कि  भाजपा और कांग्रेस दोनो के उम्मीदवार बाहरी है जबकि दोनो दलों से लगातार स्थानीय प्रत्याशी की मांग की जाती रही है । उल्लेखनीय है कि इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है और इसे मद्दे नजर रखते  वर्ष 2013 में सतनामी समाज के गुरु बाल दास को सुनियोजित ढंग से  निर्दलीय चुनाव लड़ाया गया था जिसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी धर्मजीत सिंह की हार हुई थी और भारतीय जनता पार्टी के तोखन साहू विधायक बने और डॉक्टर रमन सिंह के मंत्रिमंडल में संसदीय सचिव बनाए गए थे। लोरमी विधानसभा क्षेत्र में जातिगत मतदाताओं की बात करें तो कुल मतदाता 227000 में से अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या 50000 से ऊपर है दूसरे नंबर पर साहू जाति के मतदाताओं का है जिनकी संख्या 46000 के करीब है वही अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या हजार 20000 कुर्मी 15 000 यादव 20000 जयसवाल 8000 राठौर 12 000 ब्राह्मण ठाकुर बनिया मतदाताओं की संख्या 5000 पटेल 5000 लोधी 2000 मानिकपुरी मतदाताओं की संख्या 2000 है इस तरह अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 110000 के करीब है इसलिए आज से सर्वाधिक वोटरों वाले अनुसूचित जाति के मतदाताओं के ऊपर निर्भर करता है कि वह विधानसभा चुनाव में किस प्रत्याशी को विजई बनाएं साहू मतदाताओं की संख्या दूसरे नंबर पर है लेकिन इस वर्ग के मतदाता भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों का समर्थन करते हैं तथा वोटो का बंटवारा भी हो जाता है।
भारतीय जनता पार्टी ने सांसद और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साहू को लोरमी विधानसभा क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित किया तो यह संभावना हो चली थी कि कांग्रेस भी साहू समाज से ही प्रत्याशी का चयन करेगी और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया गया जिसे लेकर कांग्रेस में कल से बवाल मचा हुआ है उधर भारतीय जनता पार्टी में प्रत्याशी घोषित किए जाने के पहले से ही यह प्रचार किया जाता रहा की अरुण साहू पिछड़ा वर्ग के होने के नाते मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं तथा उन्हें बिलासपुर जिले से किसी भी सामान्य सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी बन सकती है लेकिन पार्टी ने अरुण साहू को मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया। लॉर्मी समेत कई विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने   जिन विधायकों या प्रबल दावेदार के टिकट काटे हैं वे खुले तौर पर बगावत  पर उतर आए  हैं। हो सकता है बागियों को मनाने का दौर भी चले  और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का भी निर्णय लेना पड़े लेकिन  बगावत करने वालों में कुछ ऐसे भी नेता हैं जो टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। नेताओं की बगावत पार्टी के जातिगत संतुलन को बिगाड़ सकती है। लोरमी विधानसभा से बाहरी प्रत्याशी थोपने का आरोप लगाते हुए प्रमुख दावेदार और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस समेत कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी को अपना स्तीफा भेजा है ।