भोपाल ।  मध्य प्रदेश में पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव से पहले राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में ग्वालियर व चंबल संभाग में हुई जातिगत हिंसा के मामले वापस लेने का फैसला किया है। दोनों संभागों में अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के विरद्ध प्रकरण दर्ज हुए थे। कमल नाथ सरकार में इन्हें वापस लेने का निर्णय हुआ था, लेकिन कम ही प्रकरण वापस हुए। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित मूंग वितरण कार्यक्रम के बाद की। उन्होंने बताया कि दोनों वर्ग के प्रतिनिधिमंडल ने समझौता कराने के लिए कहा है। दोनों समाज की पहल पर व्यापक विचार के बाद सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिया है। एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दो अप्रैल 2018 को अनुसूचित जाति समाज ने भारत बंद का आह्वान किया था।