भोपाल ।   मानव तस्करी के मामले में आरोपित अर्चना सैनी की निशानदेही पर पकड़ी गई दिल्ली की फर्जी डॉक्टर ने रविवार अब तक 20 बच्चे बेचने की बात कबूली। इसमें भोपाल के दो और दिल्‍ली के तीन बच्चे शामिल हैं। इसके साथ ही करीब 50 गर्भवतियों के प्रसव कराकर उनके बच्चे भी बेचे हैं। इधर, पुलिस ने इस गिरोह की मदद करने के आरोप में दिल्ली के एक प्राइवेट डॉक्टर को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस को आशंका है कि बच्चा बेचने काम में डॉक्टर आरोपित सीमा उर्फ शक्ति देवी की मदद करता था। रविवार के पुलिस ने दिल्ली की फर्जी डाक्टर सीमा सहित सभी पांचों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी। कोर्ट ने सभी को 5 नवंबर तक रिमांड पर भेज दिया है।

भोपाल में कन्या भोज के बहाने बच्चियों को किडनैप करने वाला गिरोह अब तक बेच चुका है 20 बच्चेभोपाल में कन्या भोज के बहाने बच्चियों को किडनैप करने वाला गिरोह अब तक बेच चुका है 20 बच्चे
पुलिस को पता चला है कि अर्चना सैनी ने मुंबई की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के नाम पर कुछ बैंक खाते खोल हैं। इन बैंक खातों में हर दूसरे-तीसरे दिन लाखों रुपये जमा हो रहे थे। पुलिस को आशंका है कि बच्चों को बेचने के कारोबार से मिलने वाली रकम इन खातों में जमा हुई है। बता दें कि मुख्य सरगना सीमा शक्ति देवी दिल्ली से गिरफ्तार हुई है। निशांत स्वामी, अर्चना सैनी, मुस्कान बानो, सूरज सैनी एवं अर्चना की नाबालिग बेटी को कोलार से गिरफ्तार किया जा चुका है। सरगना सीमा शक्ति देवी खुद को महिला डॉक्टर बताकर गैर कानूनी प्रसव करवाने वालों से मुलाकात करती थी। उन्हें दिल्ली के निजी अस्पतालों में ले जाकर गर्भपात की सुविधा उपलब्ध करवाती थी। इसके बदले रुपये वसूल करती थी। दिल्ली के निजी अस्पताल का संचालक को भी पुलिस साथ लेकर आइ है, उससे पूछताछ चल रही है।

तीसरी बच्ची के माता-पिता मिले

शक्ति देवी के कब्जे से क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में 2 साल की बच्ची बिट्टू को बरामद किया था। बिट्टू के माता-पिता की जानकारी भी मिल गई है। दोनों की शादी नहीं हुई थी, इसलिए बच्ची शक्ति देवी को सौंप दिया था।

शक्ति फाउंडेशन नाम का एनजीओ

सीमा ने दिल्ली में शक्ति फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ बनाया हुआ था। यह एनजीओ दिल्ली के बाहरी इलाकों में किराए का घर लेकर संचालित किया जा रहा था। यहां केवल गैरकानूनी डिलीवरी एवं अविवाहित महिलाओं का अबॉर्शन करवाया जाता था। छोटे बच्चों को निसंतान एवं अन्य लोगों को बेचकर मोटी रकम कमाई जाती थी।